

मुंबई : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि अगर अमेरिका व्यापार समझौते से संबंधित भारतीय पेशकश से खुश है, तो उसे मुक्त व्यापार समझौते यानी FTA पर हस्ताक्षर कर देने चाहिए। गोयल ने भारत की तरफ से रखी गई पेशकश पर ट्रंप प्रशासन के विचारों का स्वागत किया। लेकिन उन्होंने दोनों देशों के बीच लंबे समय से इंतज़ार किए जा रहे मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर की कोई समयसीमा बताने से परहेज किया।
वाणिज्य मंत्री अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीयर की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि अमेरिका को व्यापार समझौते को लेकर भारत से ‘अब तक का सबसे अच्छा’ प्रस्ताव मिला है। गोयल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘उनकी खुशी का बहुत स्वागत है। और, मेरा मानना है कि अगर वे बहुत खुश हैं, तो उन्हें बिना किसी देरी के इस पर हस्ताक्षर कर देना चाहिए।’
हालांकि, उन्होंने अमेरिका को भारत की तरफ से की गई पेशकश के बारे में बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते पर अमेरिका के साथ बातचीत के पांच दौर पूरे हो चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका के ‘उप व्यापार प्रतिनिधि’ रिक स्वित्जर का भारत का मौजूदा दौरा व्यापार वार्ता पर केंद्रित नहीं है।
‘FTA में आ रही बाधाएं दूर कर लेंगे’
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने में आने वाली बाधाओं को दूर करने का गुरुवार को भरोसा जताया। गोयल ने समझौते पर हस्ताक्षर होने की कोई संभावित समयसीमा न बताते हुए कहा कि इटली जैसे देश भारत को अपनी शराब एवं मोटर वाहन निर्यात कर सकेंगे और इसके बदले में भारत 27 देशों के इस समूह को व्हिस्की, वस्त्र एवं मोटर वाहन कलपुर्जे निर्यात कर सकेगा।
गोयल ने इस सप्ताह की शुरुआत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के साथ हुई अपनी चर्चाओं का हवाला देते हुए कहा, ‘हमें भरोसा है। हालांकि कुछ मुद्दे हैं जिन पर हमें अब भी सहमति बनानी है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लेंगे।’ इसके साथ ही वाणिज्य मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों के वार्ताकार दल एक अच्छा समझौता कराने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं और कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
कोई देश किंगमेकर नहीं हो सकता
गोयल ने इटली-भारत व्यापार मंच को संबोधित करते हुए कहा कि भारत-यूरोपीय संघ FTA एक निष्पक्ष, न्यायसंगत एवं संतुलित दस्तावेज होगा जो सभी देशों के लिए लाभकारी होगा। इस अवसर पर इटली के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी भी उपस्थित रहे। गोयल और ताजानी दोनों ने वैश्विक बाजार में कच्चे माल की सुचारू आपूर्ति के लिए लोकतांत्रिक देशों के बीच सहयोग की जरूरत पर बल दिया।
ताजानी ने कहा कि उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल की कीमतों को तय करने में कोई एक देश ‘किंगमेकर’ की भूमिका नहीं निभा सकता। इटली के उप प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मामले पर इटली, यूरोप, भारत, जापान और अमेरिका के बीच एक ‘राजनीतिक समझौते’ की आवश्यकता है। गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों को देखते हुए भारत-इटली संबंध 21वीं सदी के निर्णायक संबंधों में से एक होंगे।