नहीं रहीं बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया, सात दिन का शोक

खालिदा जिया और शेख हसीना के बीच दशकों चली प्रतिद्वंद्विता ने एक पीढ़ी तक बांग्लादेश की राजनीति को परिभाषित किया।
नहीं रहीं बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया, सात दिन का शोक
Pavel Rahman
Published on

ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और शेख हसीना की प्रमुख राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया का 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी राजनीतिक पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी। खालिदा जिया और शेख हसीना के बीच दशकों चली प्रतिद्वंद्विता ने एक पीढ़ी तक बांग्लादेश की राजनीति को परिभाषित किया।

भ्रष्टाचार के आरोप का किया सामना

जिया पर कई भ्रष्टाचार के मामले दर्ज थे, जिन्हें उन्होंने राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया था। जनवरी 2025 में उच्चतम न्यायालय ने उनके खिलाफ अंतिम भ्रष्टाचार मामले में उन्हें बरी कर दिया था, जिससे फरवरी में होने वाले चुनाव में उनके उम्मीदवार बनने का रास्ता साफ हो गया था। वह ब्रिटेन में इलाज कराने के बाद मई में स्वदेश लौटी थीं। इससे पहले जनवरी की शुरुआत में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति दी थी, जबकि शेख हसीना की सरकार ने इससे पहले कम से कम 18 बार उनके अनुरोधों को खारिज किया था।

नहीं रहीं बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया, सात दिन का शोक
सबसे बड़े दुर्गांगन का काम शुरू,प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु आ सकेंगे

ढाका के निजी अस्पताल में चल रहा था इलाज

पिछले कई दिनों से जिया की तबियत बहुत खराब थी। देर रात आई खबरों में उनके चिकित्सकों के हवाले से बताया गया था कि जिया की हालत और बिगड़ जाने की वजह से उन्हें राजधानी के एक विशेष निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। निजी समाचार एजेंसी यूएनबी के अनुसार, मेडिकल बोर्ड के सदस्य जियाउल हक ने कहा था, “खालिदा जिया की हालत बेहद गंभीर है।” इस दौरान उनके बड़े बेटे और बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान सहित परिवार के करीबी सदस्य ढाका के एवरकेयर अस्पताल में उनसे मिलने पहुंच गए थे।

नियमित डायलिसिस पर थी जिया

जियाउल हक के अनुसार, जिया को “जीवन रक्षक प्रणाली ” पर रखा गया था और उन्हें नियमित रूप से किडनी डायलिसिस की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि डायलिसिस रोकते ही उनकी समस्या बढ़ जाती थी। खालिदा जिया का विवाह देश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान से हुआ था, जिनकी 1981 में एक सैन्य तख्तापलट के दौरान हत्या कर दी गई थी।

BNP ने सात दिन के शोक की घोषणा की

समाचार पोर्टल ‘टीबीएसन्यूजडॉटनेट’ के अनुसार, बीएनपी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रुहुल कबीर रिजवी ने एक संवाददाता सम्मेलन में सात दिवसीय शोक कार्यक्रम की रूपरेखा बताई जिसके तहत नयापलटन स्थित बीएनपी के केंद्रीय कार्यालय और देशभर में पार्टी कार्यालयों पर काले झंडे लगाए जाएंगे।

पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक उनकी स्मृति में काले बैज पहनेंगे। बांग्लादेश में पार्टी कार्यालयों और अन्य स्थानों पर दुआ महफिलें (प्रार्थना सभाएं) आयोजित की जाएंगी और कुरान पढ़ी जाएगी। बीएनपी के केंद्रीय कार्यालय, पार्टी अध्यक्ष के ढाका स्थित गुलशन कार्यालय और जिला कार्यालयों में शोक पुस्तिकाएं रखी गई हैं ताकि सदस्य और आम जनता उनकी याद में चंद शब्द लिख सकें और उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें।

सैन्य तानाशाही के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करने में अहम भूमिका

जिया ने सैन्य तानाशाही के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप 1990 में तानाशाही का पतन हुआ। जिया ने 1991 में पहली बार प्रधानमंत्री पद संभाला। खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। 2001 में वह एक बार फिर प्रधानमंत्री के रूप में चुनी गईं। उन चुनावों में और इसके बाद कई चुनावों में उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी शेख हसीना रहीं।

नहीं रहीं बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया, सात दिन का शोक
मतुआ अनुयायियों के नाम हटने और हमले के विरुद्ध राज्यभर में पथावरोध का आह्वान

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in