टमाटर के बाद देश भर में प्याज की बढ़ती कीमतों में उछाल की आशंकाओं को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने प्याज के निर्यात पर शुल्क बढ़ा दी है। इसको लेकर अधिसूचना जारी किया गया है।
नई दिल्ली: देश भर में मॉनसून के कारण कई राज्यों में बाढ़ से हाल बेहाल है। बेमौसम बारिश के कारण सब्जियों के दाम भी बढ़ने लगे हैं। टमाटर के बाद अब प्याज लोगों की थाली से गायब न हो इसे रोकने की तैयारी है। शनिवार (19 अगस्त ) को केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी किया। इसके मुताबिक देश से प्याज की निर्यात पर पाबंदियां लगा दी है। वहीं, प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी तक शुल्क बढ़ा दिया है। यह नियम इस साल दिसंबर तक लागू रहेगा। प्याज के दामों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है।
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक बेमौसम बारिश-बाढ़ की वजह से सितंबर में प्याज की कीमतों में उछाल का अंदेशा लगाया जा रहा था। केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि 31 दिसंबर 2023 तक प्याज निर्यात की नई दरें प्रभावी रहेंगी।
निर्यात शुल्क बढ़ने की वजह
टमाटर की कीमतें बेहिसाब बढ़ने के बाद प्याज को लेकर सरकार पहले से अलर्ट मोड पर है। निर्यात पर शुल्क बढ़ने से सरकार को घरेलू बाजार में स्टॉक की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। कीमतों में बेकाबू बढ़ोतरी ने हो इसके लिए बफर स्टॉक से भी प्याज सप्लाई किया जा सकता है।
पाबंदी पर पहले से था अनुसान
कई रिपोर्टस के मुताबिक पहले से अनुमान लगाया जा रहा था कि प्याज की कीमतें रोकने के लिए सरकार निर्यात पर रोक लगा सकती है। वहीं, सितंबर से प्याज के कीमतों में उछाल हो सकता है। इन आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए निर्यात शुल्क में बढ़ोतरी कर स्टॉक मेंनटेन करने की कोशिश है। जिससे देश में प्याज की कमी को रोका जाए।
महंगाई बढ़ने की है आशंका
बता दें कि जुलाई में खुदरा महंगाई दर 7 फीसदी से ज्यादा हो गई थी। वहीं, अब रिजर्व बैंक की ओर से आशंका जताई गई है कि सितंबर तिमाही में भी खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी से ज्यादा रह सकती है। अगर ऐसा हुआ तो महंगाई से फिलहाल राहत की उम्मीद कम मानी जाएगी।