
मुंबई : विमानन सुरक्षा नियामक (डीजीसीए) ने एअर इंडिया से गंभीर चूक के कारण उसके एक डिवीजनल उपाध्यक्ष सहित तीन अधिकारियों को चालक दल कार्य दायित्व से संबंधित सभी भूमिकाओं से हटाने का आदेश दिया है। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 20 जून को अपने आदेश में टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन से इन अधिकारियों के खिलाफ बिना देरी किए आंतरिक अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने को भी कहा। डीजीसीए के आदेश के अनुसार, तीन अधिकारियों में एयरलाइन के एक डिवीजनल उपाध्यक्ष भी शामिल हैं। एअर इंडिया ने कहा कि उसने नियामक के निर्देश को स्वीकार कर लिया है और आदेश को लागू कर दिया है। एयरलाइन ने कहा,‘कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी एकीकृत परिचालन नियंत्रण केंद्र (आईओसीसी) की सीधी निगरानी करेंगे। एअर इंडिया यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानक प्रथाओं का पूरी तरह से पालन हो।’ डीजीसीए ने अपने आदेश में कहा, ‘एअर इंडिया ने लाइसेंस और आराम संबंधी आवश्यकताओं में चूक के बावजूद विमान चालक दल की कार्यसूची और संचालन के संबंध में स्वैच्छिक रूप से गंभीर उल्लंघनों का खुलासा किया गया है।’ आदेश में कहा गया कि विशेष चिंता की बात यह है कि इन परिचालन चूकों के लिए सीधे जिम्मेदार प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गयी। नियामक ने कहा कि ये अधिकारी कार्य दायित्व प्रोटोकॉल और निरीक्षण में प्रणालीगत विफलताओं सहित गंभीर चूकों में शामिल रहे हैं। डीजीसीए ने एअर इंडिया को यह भी चेतावनी दी है कि भविष्य में चालक दल के कार्य दायित्व में उल्लंघन करने पर लाइसेंस निलंबन और परिचालन प्रतिबंध सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीजीसीए का ताजा निर्देश ऐसे समय में आया है, जब पिछले सप्ताह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना के बाद एयरलाइन कड़ी जांच के दायरे में है।