नगालैंड विश्वविद्यालय के कोहिमा परिसर में जागरूकता पहल पर सम्मेलन

रैगिंग विरोधी दिवस मनाया गया
नगालैंड विश्वविद्यालय के कोहिमा परिसर में जागरूकता पहल पर सम्मेलन
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कोहिमा : नगालैंड विश्वविद्यालय के कोहिमा परिसर (एनयूकेसी) ने मंगलवार को अपने सम्मेलन कक्ष में रैगिंग विरोधी दिवस मनाया, जिसके साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा घोषित रैगिंग विरोधी सप्ताह की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक सुरक्षित, समावेशी और सम्मानजनक शिक्षण वातावरण बनाए रखने के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करना था।

स्वागत भाषण देते हुए छात्र कल्याण के एसोसिएट डीन डॉ. तेमसुलेम्बा वालिंग ने कहा कि एनयूकेसी रैगिंग की किसी भी घटना से मुक्त रहा है और उन्होंने इसका श्रेय नगा समुदाय की सहानुभूति और दूसरों की सहायता करने की तत्परता को दिया। उन्होंने उपस्थित लोगों से इस लोकाचार को बनाए रखने का आग्रह किया साथ ही बढ़ती विविधतापूर्ण परिसर संस्कृति के सर्वोत्तम तत्वों को अपनाते हुए और बदमाशी तथा रैगिंग जैसी हानिकारक प्रथाओं को अस्वीकार करते हुए। सम्मानित आमंत्रित अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मानविकी एवं शिक्षा संकाय के डीन प्रो. जानो एस लीजिस ने परिसर की रैगिंग-मुक्त प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए छात्र समुदाय की सराहना की। उन्होंने भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2001 में रैगिंग पर लगाए गए प्रतिबंध और 2011 में कई त्रासदियों के बाद लागू किए गए कानूनी ढांचों को याद किया। प्रो. लेगीज़ ने प्रतिभागियों से ऐसी घटनाओं के पीड़ितों को याद रखने का आग्रह किया और परिसर के भीतर और बाहर एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण शैक्षणिक वातावरण बनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने उपस्थित लोगों को यह याद दिलाते हुए समापन किया कि पारस्परिक सम्मान ‘हमारे भीतर के सर्वश्रेष्ठ को बाहर आने और दूसरों के सर्वश्रेष्ठ को चमकने’ में सक्षम बनाता है। कार्यक्रम में ‘मेरा परिसर, मेरा सुरक्षित स्थान’ विषय पर एक पोस्टर-निर्माण प्रतियोगिता और ‘चुप्पी तोड़ो, जुड़ाव बढ़ाओ’ विषय पर एक वीडियोग्राफी प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी। पोस्टर श्रेणी में इरनवांग डाइम (अंग्रेजी विभाग) और सेसिलिया (शिक्षक शिक्षा विभाग) ने क्रमशः प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त किया। म्होंथुंग किकोन (इतिहास एवं पुरातत्व विभाग) ने वीडियोग्राफी प्रतियोगिता जीती और विजेता प्रविष्टि को उपस्थित लोगों के लिए प्रदर्शित किया गया। अपने संबोधन में एनयू छात्र संघ के अध्यक्ष बेबेन वाई किथन ने कहा कि रैगिंग मानवीय गरिमा का हनन करती है और स्थायी मनोवैज्ञानिक घाव छोड़ जाती है। उन्होंने दयालुता, एकता और प्रगति पर आधारित एक परिसर विरासत का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षक शिक्षा विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. सीमा आर. थप्पा ने की और इसका समापन एनयू रिसर्च स्कॉलर्स फोरम के अध्यक्ष शकीलुर रहमान के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। अध्यक्ष ने अपने अंतिम भाषण में प्रतिभागियों से ‘मार्गदर्शक बनने, न कि उत्पीड़क’ बनने का आग्रह किया। इस कार्यक्रम में संकाय सदस्य, छात्रावास वार्डन, शोध छात्र और छात्र शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत नगालैंड विश्वविद्यालय के गीत से हुई और समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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