

नई दिल्ली - सीबीएसई (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) जहां एक तरफ जल्द ही बोर्ड एग्जाम 2024 के नतीजे घोषित करने की तैयारी में जुटा है, वहीं दूसरी ओर उसने नए एकेडमिक सेशन 2025-26 के लिए अपडेटेड सिलेबस जारी कर दिया है। इसके साथ ही, बोर्ड ने टीचिंग मेथड, ग्रेडिंग सिस्टम और प्रैक्टिकल लर्निंग को लेकर भी कई अहम बदलावों की घोषणा की है। इस बार सिर्फ पाठ्यपुस्तकों में ही नहीं, बल्कि पूरे एजुकेशन सिस्टम में सुधार कर बड़ा बदलाव लाने की कोशिश की गई है।
कक्षा 10वीं की परीक्षा अब से दो बार होगी
सीबीएसई बोर्ड ने घोषणा की है कि इसी सत्र से कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी। पहली परीक्षा फरवरी में होगी, जबकि दूसरी परीक्षा अप्रैल में कराई जाएगी। इसका मतलब यह है कि अगर कोई छात्र फरवरी की परीक्षा में असफल होता है, तो उसे पूरे साल इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी। वह अप्रैल में दोबारा परीक्षा देकर अपनी परफॉर्मेंस सुधार सकता है। हालांकि, कक्षा 12वीं के लिए परीक्षा प्रणाली पहले जैसी ही रहेगी, जिसमें साल में केवल एक बार ही बोर्ड एग्जाम आयोजित किया जाएगा।
ग्रेडिंग सिस्टम में भी बदलाव
इसके अलावा, सीबीएसई बोर्ड ने ग्रेडिंग सिस्टम में भी बदलाव किया है और अब इसे 9-पॉइंट स्केल पर लागू किया जाएगा। यह नया ग्रेडिंग सिस्टम कक्षा 10वीं और 12वीं दोनों के परिणामों में प्रभावी होगा। पहले की तरह A1, A2, B1 जैसी ग्रेडिंग के बजाय अब छात्रों को 9-पॉइंट स्केल के आधार पर ग्रेड मिलेगी। साथ ही, पास होने वाले हर 8 छात्रों में से एक को एक ग्रेड स्लॉट प्रदान किया जाएगा।
स्किल बेस्ड सब्जेक्ट होंगे शामिल
सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए स्किल-बेस्ड एजुकेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर एप्लीकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल कर रहा है। इसके अलावा, कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्रों के लिए अंग्रेजी या हिंदी में से किसी एक भाषा को अनिवार्य रूप से चुनना जरूरी कर दिया गया है। वहीं, कक्षा 12वीं के लिए बोर्ड ने चार नए स्किल इलेक्टिव्स जोड़े हैं, जिनमें लैंड ट्रांसपोर्टेशन एसोशिएट, इलेक्ट्रॉनिक एंड हार्डवेयर, फिजिकल एक्विटी ट्रेनर, और डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेशन शामिल हैं। साथ ही, अब 12वीं के बोर्ड एग्जाम में छात्रों को बेसिक कैलकुलेटर के इस्तेमाल की अनुमति भी दी जाएगी।
फेल होने पर क्या होगा ?
कक्षा 10वीं के बोर्ड एग्जाम में पास होने के लिए छात्रों को अब भी न्यूनतम 33% अंक हासिल करने होंगे। यदि कोई छात्र इससे कम अंक प्राप्त करता है, तो वह फेल माना जाएगा। हालांकि, एक नई सुविधा के तहत, यदि कोई छात्र साइंस, मैथ या सोशल साइंस जैसे किसी विषय में असफल हो जाता है, तो वह स्किल-बेस्ड या वैकल्पिक भाषा विषय के अंकों से उसे बदल सकता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई छात्र मैथ में फेल हो जाता है, तो उसके स्किल-बेस्ड विषय के अंक मैथ के अंकों के स्थान पर गिने जाएंगे, जिससे उसे पास होने का एक और मौका मिलेगा।