Sankashti Chaturthi 2024 Date: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी कब है, जानें महत्‍व, पूजाविधि और … | Sanmarg

Sankashti Chaturthi 2024 Date: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी कब है, जानें महत्‍व, पूजाविधि और …

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कोलकाता : द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी फाल्‍गुन मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी को कहते हैं। द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 28 फरवरी को यानी आज है। इस दिन गणेशजी की पूजा करके उनका भोग लगाया जाता है और आरती की जाती है। कुछ लोग इस दिन व्रत भी करते हैं। इस अवसर पर गणेश संकट नाशनम स्‍त्रोत का पाठ करने से आपके सभी कष्‍ट दूर होते हैं। गणपति आपके परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं और आपके हर कार्य को बिना किसी बाधा के पूर्ण करते हैं। आइए जानते हैं द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का महत्‍व, पूजाविधि और मान्‍यताएं।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का महत्‍व

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेशजी की पूजा करने से आपको शुभ लाभ की प्राप्ति होती है। इस दिन कुछ विशेष वस्‍तुओं का दान करने से आपके सुख में वृद्धि होती है। आपके ऊपर आए सभी संकट बप्‍पा दूर करते हैं। आपकी सभी मनोकामनाएं गणेशजी पूर्ण करते हैं। आपके घर में धन वृद्धि होती और आपके सौभाग्‍य में वृद्धि होती है और आपको निवेश की योजनाओं में लाभ होगा।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार फाल्‍गुन संकष्‍टी चतुर्थी का आरंभ 28 फरवरी को सुबह 1 बजकर 53 मिनट पर होगा। इसका समापन 29 फरवरी को सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर होगा। इसलिए उ‍दया तिथि के अनुसार द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 28 फरवरी को रखा जाएगा और पारण 29 फरवरी को किया जाएगा।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की पूजाविधि

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेशजी की प्रतिमा स्‍थापित करें और उनकी विधि विधान से पूजा करें। पूजा के समय श्री गणेश जी को पीले गेंदे का फूल और पांच हरी दूर्वा अर्पित करें। पान और फूल और फल चढ़ाएं और मोदक का भोग लगाएं। अगर आप किसी विशेष कार्य में सफलता की कामना लेकर इस दिन गणेशजी की पूजा करते हैं तो उसमें आपको सफलता मिलती है और आपके घर में सुख समृद्धि स्‍थापित होती है। इस दिन हाथी को हरा चारा या फिर गन्‍ना जरूर खिलाएं।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का मंत्र
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर पूजा में गणपतिजी को भोग लगाते वक्‍त इस मंत्र का पाठ करें।
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
इससे भगवान आपका भोग स्‍वीकार करते हैं और आपकी सभी इच्‍छाएं पूर्ण करते हैं।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के उपाय
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को वस्‍त्र और खाने की वस्‍तुएं दान करें। बिजनस में मनचाही सफलता पाने के लिए द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेशजी को 21 दूर्वा की गांठ के साथ गुड़ के लड्डू का भोग लगाएं। इस उपाय को करने से आपको कारोबार में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्‍की मिलती है।

 

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