कोलकाता: छठ पूजा आने में बस कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में छठ की गीत कई इलाकों में गुंजने शुरू हो गए हैं यह त्योहार केवल यूपी, बिहार, झारखंड ही नहीं बल्कि बंगाल में भी काफी बड़े पैमाने पर छठ पूजा मनायी जाती है। राज्य सरकार की तरफ से पहले से ही इसकी तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। नगर निगम व पालिकाओं व केएमडीए की तरफ से घाटों से लेकर घाटों तक जाने वाले रास्तों पर भी विशेष फोकस किया जा रहा है। आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा कल 17 नवंबर से शुरू हो रहा है। कल शुक्रवार को शुभ संयोग के साथ नहाय खाय के साथ पूजा की शुरुआत होगी। छठ व्रती नदी तालाब आदि में जाकर स्नान करके घर आकर खाना तैयार करेंगे। नहाय खाय के दिन अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी बनाई जाती है। इसे कद्दू भात कहते हैं। छठ पूजा के दूसरे दिन शनिवार को खरना है। इस दिन छठ वर्ती उपवास करेंगी। शाम को पूजा करने के प्रसाद ग्रहण करेंगी। प्रसाद में गुड़ से बनी खीर होती है। जितना संभव हो सके प्रसाद को मिट्टी के नये चूल्हे पर आम की लकड़ी को जलाकर बनाया जाता है। इसके बाद से ही 36 घंटों का निर्जला व्रत करती हैं। छठ पूजा के तीसरे दिन रविवार की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को नदी या तालाब व जलाशय में छठ व्रती अर्घ्य देंगी। फल, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि सूप में सजाये जाते है। इसके बाद नदी या तालाब में अर्घ्य दिया जाता है। चौथे दिन सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा। इसके बाद व्रत का पारण होगा।
केएमडीए कर रहा है घाटों पर काम
रवींद्र सरोवर और सुभाष सरोवर में इस बार भी पूजा की अनुमति नहीं मिलने के कारण इस बार भी केएमडीए की ओर से छठव्रतियों की सुविधा के लिए 42 घाटों पर काम किया जा रहा है। केएमडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इनमें 8 घाट स्थायी हैं और बाकी अस्थायी हैं। ये जलाशय गोल्फ गार्डेन, कसबा, नोनाडांगा, पाटुली व टॉलीगंज इलाकों में हैं। अधिकारी ने बताया कि रामधन पार्क के पास एक पक्का तथा 4 अस्थायी जलाशय, जोधपुर पार्क क्वार्टर के पास 6 अस्थायी जलाशय, मीठा तालाब जहां एक पक्का तथा दो अस्थायी घाट हैं। इसके अलावा भी इंदु पार्क, पाटुली फायर स्टेशन के निकट घाटों को तैयार किया जा रहा है।