कोलकाता के फुटपाथ पर गंदगी फैलाने वालों को पड़ सकता है मंहगा | Sanmarg

कोलकाता के फुटपाथ पर गंदगी फैलाने वालों को पड़ सकता है मंहगा

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कोलकाता : महानगर के फुटपाथों पर प्लास्टिक के शेड्स की बढ़ती संख्या न केवल अतिक्रमण का कारण बन रही है बल्कि यह आग लगने जैसी गंभीर दुर्घटनाओं को भी आमंत्रित कर रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कड़े निर्देशों और कोलकाता नगर निगम के बार-बार अभियान चलाने के बावजूद इस समस्या पर प्रभावी नियंत्रण नहीं पाया सका है। पिछले कुछ वर्षों में कई प्रयासों के बावजूद फुटपाथ पर प्लास्टिक शेड का प्रचलन लगातार बढ़ता जा रहा है, जो न केवल शहरी सौंदर्य को बिगाड़ रहा है बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी खतरा बन चुका है। ऐसे में सन्मार्ग ने जब कुछ प्रमुख बाजारों और स्थानों का दौरा किया तो यह पाया कि अधिकतर फुटपाथों पर प्लास्टिक शेड्स का प्रयोग जारी है। इन स्थानों में कैनिंग स्ट्रीट, इजरा स्ट्रीट, पोलक स्ट्रीट, चाइना बाजार, ब्रेबोर्न रोड, आरएन मुखर्जी रोड और परिवहन भवन के सामने जैसे स्थान शामिल हैं। इन जगहों पर प्लास्टिक शेड्स की घेराबंदी ने पूरे फुटपाथ पर कब्जा कर रखा है। इस संबध में एमएमआईसी देवाशीष कुमारने कहा कि इसे लेकर काम जारी है। अगले साल से गरियाहाट मॉडल पूरे शहर में अपनाया जायेगा।

 

दुकानदारों की मजबूरी या लापरवाही?

ठंड के मौसम में जब बारिश का खतरा नहीं होता है, दुकानदारों के लिए प्लास्टिक शेड का इस्तेमाल करना और भी बढ़ गया है। कई दुकानदारों का कहना है कि धूप के कारण उनके सामान की चमक कम हो जाती है, जिससे उनकी बिक्री प्रभावित होती है। इसलिए वे मजबूरी में प्लास्टिक शेड का सहारा लेते हैं। एक दुकानदार कुमार शंकर प्रसाद ने कहा कि अगर हम प्लास्टिक शेड हटाएंगे तो हमारी दुकान का सामान सूरज की तेज रोशनी में जल जाएगा और उसकी रौनक कम हो जायेगी। वहीं दुकानदारों से पूछा गया कि जब केएमसी के अधिकारी आते हैं तो दुकानदार क्या करते हैं, तो उन्होंने बताया कि जब केएमसी के लोग आते हैं, तो हम मजबूरी में प्लास्टिक शेड हटा देते हैं लेकिन उनके जाने के बाद अपने सामानों को धूप और धूल से बचाने के लिए हम फिर से वही शेड लगा लेते हैं।

 

आगजनी के खतरे को दे रहे दावत

महानगर में लगातार आग लगने की घटनाएं हो रही हैं और फुटपाथ पर लगे प्लास्टिक शेड्स इन घटनाओं को और बढ़ावा दे रहे हैं। इन शेड्स को इस तरह से लगाया गया है कि अगर एक में भी आग लगती है तो पूरा इलाका उसकी चपेट में आ सकता है। मालूम हो कि मेयर फिरहाद हकीम ने भी कई बार इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा था कि दुकानदारों को कई बार मना किया गया है लेकिन वे फिर भी प्लास्टिक शेड्स का उपयोग करते हैं, जिससे कभी भी आग लगने जैसी दुर्घटनाएं हो सकती हैं।

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