

कोलकाता : कोलकाता का रियल एस्टेट मार्केट स्थिर विकास और लगातार पूंजी मूल्य वृद्धि के दौर से गुजर रहा है। तीसरी तिमाही 2025 में शहर के रेसिडेंशियल मार्केट में 8% सालाना (YoY) और 1% तिमाही (QoQ) वृद्धि दर्ज की गई। इसी दौरान 4,374 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो सालाना 2% की मामूली बढ़ोतरी दर्शाती है। इस वृद्धि का मुख्य कारण एंड-यूज़र की मांग और गुणवत्ता वाले प्रोजेक्ट्स की लोकप्रियता है। यह आंकड़ा बाजार की स्थिरता और खरीदारों के रियल एस्टेट में भरोसे को दर्शाता है।
हाउसिंग डेवलपमेंट वास्तविक खरीदारों पर आधारित
अंबुजा नेवटिया समूह के प्रमुख हर्षवर्द्धन नेवटिया ने कहा, “कोलकाता का हाउसिंग डेवलपमेंट केवल अटकलों पर नहीं बल्कि वास्तविक खरीदारों की आकांक्षाओं पर आधारित है। लोग अभी भी अपने घरों को स्थिरता, अपनापन और उम्मीद का पवित्र स्थल मानते हैं। वैश्विक प्रवृत्तियों के बदलने के बावजूद हमारा शहर स्थिर बना हुआ है, धीरे-धीरे बढ़ रहा है और सार्थक रूप से विकसित हो रहा है। यही कोलकाता की असली ताकत है — लचीला, मानवीय और आशावान।”
रेसिडेंशियल मार्केट के साथ ऑफिस लीजिंग भी बेहतर
क्रेडाई वेस्ट बंगाल के प्रेसिडेंट व मर्लिन ग्रुप के चेयरमैन सुशील मोहता ने कहा कि रेसिडेंशियल मार्केट अच्छा है और ऑफिस लीजिंग भी बेहतर स्थिति में है। इस साल रिकॉर्ड ऑफिस लीजिंग दर्ज होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि सालाना 1.5 मिलियन वर्गफुट ऑफिस स्पेस लीजिंग हो सकती है और रिटेल स्पेस की मांग भी मजबूत बनी हुई है। रेसिडेंशियल मार्केट में 80 लाख से 1.5 करोड़ रुपये तक के फ्लैट्स की मांग बनी हुई है।
नवंबर से फरवरी गोल्डन पीरियड
लीयान्स प्रॉपर्टीज़ के प्रबंध निदेशक और केंद्रीय सलाहकार परिषद (RERA), आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में NAR इंडिया के प्रतिनिधि महेश सोमानी ने कहा, “हमारे आकलन के अनुसार, कोलकाता समेत उत्तर व दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और हुगली मिलाकर सालाना 14–15% विकास दर है। मार्केट एंड-यूज़र सेगमेंट पर आधारित है, इसलिए रियल एस्टेट हमेशा स्थिर रूप से विकसित होता है। विशेषकर नवंबर से फरवरी तक बिक्री के लिए गोल्डन पीरियड रहता है।”
नाइट फ्रैंक के सीनियर डायरेक्टर जॉयदीप पॉल ने रेसिडेंशियल मार्केट पर टिप्पणी करते हुए कहा, “8% वार्षिक मूल्य वृद्धि बाजार की बुनियादी मजबूती दर्शाती है। यह वृद्धि सट्टेबाज़ी नहीं बल्कि वास्तविक खरीदार मांग और गुणवत्तापूर्ण आवास के प्रति झुकाव का परिणाम है। अच्छी लोकेशन वाले प्रोजेक्ट्स और प्रतिष्ठित डेवलपर्स पर फोकस से कोलकाता का हाउसिंग मार्केट स्थायी विकास की राह पर है।”
आईटी आउटसोर्सिंग और फ्लेक्स स्पेस की मांग
ऑफिस मार्केट में भी स्थिरता देखने को मिली। नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, Q3 2025 में आईटी आउटसोर्सिंग और फ्लेक्स स्पेस की मांग ने ऑफिस मार्केट को सपोर्ट किया। लेन-देन में 190% की वार्षिक वृद्धि हुई, जबकि औसत किराया दरों में 14% वार्षिक और 5% तिमाही वृद्धि दर्ज की गई। कुल मिलाकर, कोलकाता का रियल एस्टेट मार्केट एंड-यूज़र मांग, गुणवत्ता और स्थिर विकास पर आधारित है, जो इसे भारत के प्रमुख स्थिर और विकसित हो रहे शहरों में रखता है।