सिंधारे पर युवती व महिलाओं ने लगायी मेंहदी व गाये गीत
कोलकाता : गौर ए गणगौर माता खोल ए किवाड़ी, बाहर ऊबी थारी पूजण वाली…के गीतों के साथ गणगौर मनाया जायेगा। आज यानी गुरुवार को राजस्थान का महापर्व गणगौर का त्योहार है। इसके लिए महानगर व जिलों में मारवाड़ी महिलाओं व युवतियों ने विशेष तैयारियां कर ली हैं। यहां ईसर व गणगौर की पूजा की जायेगी। मिनी राजस्थान कहे जानेवाले बड़ाबाजार की 9 मंडलियां शोभायात्रा निकालेंगी और साथ ही नागरिक स्वास्थ्य संघ, श्री श्री गवरजा माता वीआईपी अंचल समेत कई के कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। वहीं युवतियां मां गणगौर की 16 दिनों तक आकर्षक मूर्तियां स्थापित कर पूजा करती हैं। इसके पहले बुधवार को जगह-जगह सिंधारा मनाया गया। बड़ाबाजार, हावड़ा एसी, बांगुड़ जैसे इलाकों में जहां पर मारवाड़ी युवतियां व महिलाओं ने मेंहदी लगवायी व साजसज्जा की। वहीं घरों में भी महिलाओं ने श्रृंगार किया और आज के महोत्सव गणगौर की पूजा के लिए तैयार हुई। वहीं गुरुवार की शाम को मंडलियों में मौजूद महिलाओं ने चमकण घाघरो चमकण चीर ,बोलबाई रोवां कुण थारा बीर, बड़ो बड़ो म्हारो ईशरदास बीर एवं ईशरदास जी बीरो चूनड़ी रंगाई बाई रोवां के दाय नहीं आई रे जैसे गीतों को गाया। वहीं आज महापर्व के दिन गणगौर व ईसर अर्थात पार्वती व शिव की विशेष पूजा होगी, इसके बाद मां की विदाई की जाएगी। सुबह महिलाएं अपने घर पर गणगौर को पानी पिलाकर, टेसू के भीगे फूल अर्पित करेंगी और गणगौर कथा सुनेगी। शाम को गंगा घाट पर पूजा करते हुए गणगौर मां को नम आंखों से विदा करेंगी। इसके लिए महानगर व हावड़ा समेत हुगली के विभिन्न घाटों को साफ किया गया है। वहीं गुरुवार को पूजा के पहले बड़ाबाजार समेत अन्य बाजारों में महिलाएं गणगौर की अंतिम खरीददारी करती हुई नजर आयीं।