

गुवाहाटी : अनुभवी खिलाड़ियों से सजी चार बार की चैंपियन इंग्लैंड की टीम मंगलवार को यहां आईसीसी महिला वनडे विश्व कप लीग मैच में बांग्लादेश के खिलाफ जीत की प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगी। दोनों टीम ने अपने-अपने शुरुआती मैच जीतकर टूर्नामेंट की शानदार शुरुआत की है। बांग्लादेश ने पाकिस्तान को सात विकेट से हराया जबकि इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका को 69 रन पर ढेर करने के बाद 10 विकेट से जीत दर्ज की। हालांकि अगर स्तर और उपलब्ध विकल्पों पर गौर करें तो इंग्लैंड अपने एशियाई प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे है। टैमी ब्यूमोंट, एमी जोन्स, हीथर नाइट, नैट स्किवर-ब्रंट, सोफी एकलेस्टोन, लॉरेन बेल और सोफिया डंकले जैसी क्षमतावान खिलाड़ियों के साथ इंग्लैंड की टीम काफी मजबूत नजर आ रही है।
ये वैश्विक स्तर पर महिला क्रिकेट में बहुत बड़े नाम हैं और विश्व कप जैसी प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा की चुनौतियों से परिचित हैं। दूसरी ओर कप्तान और विकेटकीपर दोनों की भूमिका निभाने वाली निगार सुल्ताना, रुबिया हैदर, निशिता अख्तर निशी और सुमैया अख्तर जैसी खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में बांग्लादेश की उम्मीदों का भार संभाल रही हैं। लेकिन बांग्लादेश की टीम इंग्लैंड की टीम जितनी अनुभवी या मजबूत नहीं है जिसकी नजरें अपने पांचवें एकदिवसीय विश्व खिताब पर टिकी हैं। इंग्लैंड ने पिछली बार 2017 में इस टूर्नामेंट को जीता था। चार दिन पहले इसी मैदान पर दक्षिण अफ्रीका को हराने और अपने पहले मैच से पूर्व यहां कुछ समय तक अभ्यास करने के बाद पारंपरिक रूप से मजबूत इंग्लैंड यहां की परिस्थितियों से परिचित हो गया है। हालांकि इंग्लैंड-दक्षिण अफ्रीका के मैच में इंग्लैंड की गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत 150 से कम रन बने लेकिन बारसापारा क्रिकेट स्टेडियम की पिच को बल्लेबाजों के अनुकूल माना जाता है और यहां अक्सर बड़े स्कोर वाले मुकाबले देखने को मिलते हैं।
उछाल आमतौर पर समान रहता है और गेंद बल्ले पर अच्छी तरह आती है जिससे बल्लेबाजों को अपने शॉट खेलने का आत्मविश्वास मिलता है। मैच आगे बढ़ने के साथ हालांकि पिच धीमी होती जा रही है जिससे स्पिनरों और धीमी गति के गेंदबाजों के अनुकूल हालात हो जाते हैं। अगर गेंदबाज अनुशासित लाइन और लेंथ बनाए रखें और विविधता का इस्तेमाल करें तो उन्हें यहां सफलता मिलने की संभावना है और इंग्लैंड तथा बांग्लादेश दोनों के पास इस पिच का फायदा उठाने के लिए पर्याप्त ताकत है। इंग्लैंड की गेंदबाजों का अनुभव काम आएगा क्योंकि लिंसे स्मिथ, सोफी एक्लेस्टोन और चार्ली डीन की स्पिन तिकड़ी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने सफल प्रदर्शन के बाद एक बार फिर विरोधी टीम के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। जहां तक बल्लेबाजों और ऑलराउंडर का सवाल है तो इंग्लैंड का पलड़ा भारी है और बांग्लादेश के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी।