टीम से इस तरह के शानदार प्रदर्शन से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए : गिल

दो मैचों की इस सीरीज के लिए टीम में उपकप्तान की भूमिका निभा रहे रवींद्र जडेजा ने नाबाद शतक जड़ने के बाद चार विकेट झटके जिससे भारत ने तीन दिन के अंदर ही मैच अपने नाम कर लिया।
फाइल फोटो
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अहमदाबाद : वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में पारी और 140 रन से जीत दर्ज करने के बाद भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने टॉस में अपनी लगातार खराब किस्मत को नजरअंदाज करते हुए कहा कि उन्हें अपनी टीम से हर विभाग में इस तरह के शानदार प्रदर्शन से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए। दो मैचों की इस सीरीज के लिए टीम में उपकप्तान की भूमिका निभा रहे रवींद्र जडेजा ने नाबाद शतक जड़ने के बाद चार विकेट झटके जिससे भारत ने तीन दिन के अंदर ही मैच अपने नाम कर लिया। गिल ने मैच के बाद पुरस्कार समारोह में कहा, ‘मैं लगातार छह बार टॉस हारा हूं लेकिन जब तक हम मैच जीत रहे हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। ईमानदारी से कहूं तो यह हमारे लिए एक ‘परफेक्ट’ मैच था।

तीन शतक लगे, हम क्षेत्ररक्षण में शानदार थे तो मुझे इससे कोई शिकायत नहीं है।’ गिल ने पिच को बल्लेबाजी के लिए बेहतरीन बताया और शतक लगाने वाले खिलाड़ियों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘जब भी आप अच्छी शुरुआत करते हैं, तो इस पिच पर रन बनाना आसान था। मैं अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल सका लेकिन मैं शतक लगाने वालों के लिए बहुत खुश हूं।’ गिल टीम स्पिन विभाग में कई विकल्प होने को अच्छी परेशानी मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘जब आपके पास इतने बेहतरीन स्पिनर हो तो कई बार सबका पूरा इस्तेमाल करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन यह अच्छा है कि हमारे पास विकल्प की कोई कमी नहीं है। यही भारत में खेलने की चुनौती और मजा है।’ उन्होने कहा, ‘इस टीम में अच्छी बात यह है कि कोई ना कोई खिलाड़ी अपने योगदान से मैच में बड़ा अंदर लाने के लिए तैयार रहता है।

पिछले दो वर्षों में हम टीम के रूप में जिस तरह से एकजुट हुए और मुश्किल समय का सामना किया उसे देखकर बहुत अच्छा लगा। हम अभी भी एक सीखने वाली टीम है। लगातार सुधार करते रहना सकारात्मक बात है।’ वेस्टइंडीज के कप्तान रोस्टन चेस टीम के प्रदर्शन और खासकर बल्लेबाजी से काफी निराश दिखे। उन्होंने कहा, ‘जब आप टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हैं और सिर्फ 162 रन पर आलऑउट हो जाते हैं, तो वापसी करना बहुत मुश्किल हो जाता है। ये वो प्रदर्शन नहीं था जिसकी हमें उम्मीद थी।’ भारत में आपको पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाना होता है क्योंकि जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है पिच से स्पिनरों को मदद मिलती है और यह बल्लेबाजी के लिए मुश्किल होती चली जाती है।’ उन्होंने कहा, ‘बल्लेबाजी ही हमारी मुख्य समस्या है।

बल्लेबाजों को साझेदारियां बनानी होती हैं और हम एक भी 50 रन की साझेदारी नहीं कर सके। क्रिकेट में चाहे बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी साझेदारी जरूरी होती है।’ ‘मैन ऑफ द मैच’ रवींद्र जडेजा ने कहा कि उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर मेहनत करने का अच्छा फल मिल रहा है। टेस्ट करियर का छठा शतक लगाने वाले इस हरफनमौला ने कहा, ‘मैंने अपनी बल्लेबाजी पर कड़ी मेहनत की है। जब टेस्ट और वनडे नहीं हो रहे थे तो मुझे दो महीने का समय मिला था और उस समय का उपयोग फिटनेस और बल्लेबाजी दोनों पर काम किया। मैं पहले नंबर नौ या आठ नंबर पर खेलता था, लेकिन अब मेरा स्थान छठे नंबर पर तय है, जिससे मुझे अपनी पारी को लेकर बेहतर योजना बनाने का मौका मिला।’

उन्होंने उप-कप्तान की जिम्मेदारी दिये जाने को खुद के लिए सम्मान करार देते हुए कहा, ‘मैं कोच, कप्तान और टीम प्रबंधन का शुक्रगुजार हूं। उप-कप्तान होने के नाते आप टीम के लिए हमेशा एक विशेष सदस्य की भूमिका निभाते हैं। टीम को जब भी जरूरत होती है, मैं वहां मौजूद रहता हूं और खुशी-खुशी अपनी भूमिका निभाता हूं।’ मैच में सात विकेट लेकर प्रभावित करने वाले मोहम्मद सिराज मैच के तीन दिन में खत्म होने से खुश दिखे। उन्होंने कहा, ‘बहुत अच्छा लग रहा है, इस गर्मी में दो दिन की छुट्टी मिल गई। दोनों विभागों में सभी ने योगदान दिया, तो बहुत अच्छा लग रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘दूसरी पारी में पिच धीमी हो गई थी, ऐसे में तीन विकेट लेना खास रहा।’  

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