

बर्मिंघम : भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने कहा कि कुलदीप यादव जैसे विकेट लेने वाले स्पिनर को अंतिम एकादश में रखना हमेशा आकर्षक होता है लेकिन लीड्स में निचले क्रम के दो बार सस्ते में आउठ होने के बाद बल्लेबाजी में गहराई लाने के लिए इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट में वाशिंगटन सुंदर को तरजीह दी गई। वाशिंगटन को अंतिम एकादश में शामिल करने का विवादास्पद निर्णय कारगर साबित हुआ, क्योंकि इस हरफनमौला ने बल्ले और गेंद दोनों से योगदान दिया। भारत लॉर्ड्स टेस्ट में भी इसी रणनीति के साथ उतरेगा। पांच मैचों की सीरीज के दूसरे टेस्ट में जीत के साथ वापसी करने के बाद गिल ने कहा, ‘जब आपके पास कुलदीप जैसा गेंदबाज हो तो यह बहुत लुभावना होता है।
मैं वाशिंगटन को इसलिए खिलाना चाहता था क्योंकि उनकी मौजूगदी से हमारी बल्लेबाजी मजबूत होती है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मेरे और वाशिंगटन के बीच साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण साबित हुई। यह साझेदारी नहीं होती तो शायद हमारी बढ़त 70-80-90 रन होती, जो मनोवैज्ञानिक रूप से 180 रन की बढ़त से बहुत अलग है।’ गिल ने कहा कि इंग्लैंड में इस्तेमाल होने वाली ‘ड्यूक’ गेंद जब थोड़ी पुरानी और नरम हो जाती है तो स्पिनरों के पास मैच को नियंत्रित करने का अधिक मौका होता है।
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘जैसा कि हमने उम्मीद की थी पांचवें दिन भी गेंद को पिच से ज्यादा टर्न नहीं मिल रही था, ऐसा तभी हो रहा था जब गेंद ‘रफ’ पर टप्पा खा रही थी।’ इंग्लैंड के एक पत्रकार ने गिल से कहा कि यह एजबेस्टन में भारत की पहली जीत है। उन्होंने 336 रनों की जीत के बाद उनकी भावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनका ध्यान सीरीज जीतने पर है। उन्होंने कहा, ‘मैंने टेस्ट मैच से पहले भी कहा था कि मैं वास्तव में आंकड़ों या इतिहास में विश्वास नहीं करता। पिछले 50-60 वर्षों में हमने अलग-अलग हालात और विभिन्न टीमों के साथ यहां पर सिर्फ सात मैच खेले हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह सर्वश्रेष्ठ भारतीय टीम है, जो इंग्लैंड में आकर उन्हें हराने और यहां से सीरीज जीतने की क्षमता रखती है। हमारे पास सही लय है। अगर हम संघर्ष करते रहे, तो मुझे लगता है कि यह यादगार सीरीज में से एक होगी।’