

बेंगलुरु : अजिंक्य रहाणे ने टी-20 में अपने नये तेवर जारी रखते हुए 98 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली जिससे मुंबई ने शुक्रवार को यहां बड़ौदा पर छह विकेट की जीत के साथ सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में अपनी जगह पक्की की। मुंबई के गेंदबाजों ने नियमित अंतराल विकेट चटकाते हुए बड़ौदा को सात विकेट पर 158 रन पर रोक दिया। इसके बाद टीम ने रहाणे की 56 गेंदों (11 चौके और पांच छक्की) की तूफानी पारी से इस सेमीफाइनल मैच को 17.2 ओवर में चार विकेट पर 164 रन बनाकर जीत लिया। मुंबई के सामने रविवार को फाइनल में दिल्ली और मध्य प्रदेश के खेले जाने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता की चुनौती होगी। अपनी कलात्मक बल्लेबाजी से पहचान बनाने वाले रहाणे इस टी-20 टूर्नामेंट में लगातार आक्रामक बल्लेबाजी से सुर्खियां बटोर रहे हैं। उन्होंने हार्दिक पांड्या के खिलाफ बड़े छक्के के साथ 29 गेंद में अपना अर्द्धशतक पूरा किया।हार्दिक की गेंद पर सलामी बल्लेबाज पार्थिव पटेल (आठ) के जल्दी आउट होने का रहाणे की बल्लेबाजी पर कोई असर नहीं पड़ा।
उन्होंने कप्तान श्रेयस अय्यर (30 गेंद में 46 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिए नौ ओवर में 78 रन की साझेदारी कर बड़ौदा के गेंदबाजों पर दबाव बना दिया। अय्यर ने अपनी पारी में चार चौके और तीन छक्के लगाये। रहाणे जब 98 रन पर थे तब मुंबई को जीत के लिए दो रन की जरूरत थी। तेज गेंदबाज अभिमन्यु राजपूत ने शायद जानबूझकर वाइड गेंद फेंकी, जिससे स्कोर बराबर हो गया। स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने इस गेंद के बाद नाराजगी में हूटिंग की लेकिन रहाणे अगली गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में आउट हो गये। इससे पहले मुंबई के गेंदबाजों ने बड़ौदा के बल्लेबाजों को हाथ खोलने का मौका नहीं दिया। शाश्वत रावत (33) और कप्तान कृणाल पांड्या (30) खराब शॉट खेलकर अपने विकेट गंवा बैठे। शिवालिक शर्मा (नाबाद 24 गेंद में नाबाद 34) ने कुछ अच्छे शॉट खेलकर टीम के स्कोर को 150 के पार पहुंचाया। उन्होंने पारी की आखिरी गेंद पर छक्का भी जड़ा। मुंबई की बल्लेबाजी के दौरान तीन दर्शक मैदान में घुस गये लेकिन हार्दिक ने सुरक्षाकर्मियों ये उनसे नरमी से पेश आने को कहा जिससे दर्शक दीर्घा में बैठे प्रशंसकों ने शोर मचाकर उनका समर्थन किया।
दिल्ली को हराकर मध्य प्रदेश फाइनल में : कप्तान रजत पाटीदार के नाबाद अर्द्धशतक की मदद से मध्य प्रदेश ने शुक्रवार को यहां सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी-20 मैच में पूर्व चैंपियन दिल्ली को सात विकेट से हराकर 13 साल में पहली बार फाइनल में प्रवेश किया। मध्यप्रदेश के गेंदबाजों ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने के फैसले को सही साबित करते हुए दिल्ली को पांच विकेट पर 146 रन के मामूली स्कोर पर रोक दिया। हरफनमौला वेंकटेश अय्यर ने 12 रन देकर दो विकेट लिये। मध्यप्रदेश ने इसके बाद पाटीदार की 29 गेंद में 66 रन की नाबाद पारी के दम पर महज 15.4 ओवर में तीन विकेट गंवाकर लक्ष्य हासिल कर लिया। पाटीदार ने अपनी पारी में चार चौके और छह छक्के जड़े। उन्होंने हरप्रीत सिंह भाटिया (नाबाद 46) के साथ चौथे विकेट के लिए 57 गेंद में 106 रन की अटूट साझेदारी कर दिल्ली के लिए वापसी के मौके बंद कर दिये। सुयश शर्मा की गेंद पर विजयी छक्का मारने वाले हरप्रीत ने अपनी नाबाद पारी में चार चौके और दो छक्के लगाये। मध्यप्रदेश के लिए सलामी बल्लेबाज हर्ष गवली ने भी 30 रन का योगदान दिया। साल 2011 में उपविजेता रहे मध्यप्रदेश के सामने रविवार को खेले जाने वाले फाइनल में मुंबई की चुनौती होगी।
यश ढुल (11) और प्रियांश आर्य (29) ने 33 गेंदों में 38 रन की साझेदारी के साथ दिल्ली को सधी हुई शुरुआत दिलायी। दोनों हालांकि को क्रमश: त्रिपुरेश सिंह (18 रन पर एक विकेट) और कुमार कार्तिकेय (23 रन पर एक विकेट) के खिलाफ विकेट गंवा बैठे जिससे टीम का स्कोर नौ ओवरर में दो विकेट पर 54 रन हो गया। अय्यर ने तीन गेंदों के अंदर कप्तान आयुष बडोनी (19) और हिम्मत सिंह (15) को आउट किया, जिससे दिल्ली का स्कोर पांच विकेट पर 79 रन हो गया। इसके बाद अनुज रावत ने 24 गेंद की पारी में तीन चौके और एक छक्का की मदद से नाबाद 33 रन, जबकि मयंक रावत ने 21 गेंदों में 24 रनों का योगदान देकर दिल्ली को 146 रन तक पहुंचाया। छोटे लक्ष्य का बचाव करने के लिए दिल्ली को गेंदबाजों से स्वप्निल प्रदर्शन की उम्मीद थी और अनुभवी इशांत शर्मा ने पारी की पहली ही गेंद पर अर्पित गौड़ (शून्य) और तीसरे ओवर में सुभ्रांशु सेनापति (सात) को चलता कर टीम की उम्मीदें जगा दी। तीन ओवर के बाद मध्य प्रदेश की टीम दो विकेट पर 20 रन बनाकर संघर्ष कर रही थी लेकिन गवली ने चार चौके और एक छक्का जड़ित पारी से दिल्ली के गेंदबाजों को परेशान किया। उनके आउट होने के बाद पाटीदार और हरप्रीत ने दिल्ली को कोई मौका नहीं दिया।