दक्षिण अफ्रीका ने 27 साल का इंतजार खत्म किया

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीती
दक्षिण अफ्रीका ने 27 साल का इंतजार खत्म किया
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लंदन : दक्षिण अफ्रीका ने शनिवार को फाइनल के चौथे दिन जीत के लिए जरूरी 69 रन बनाकर गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीत ली। दक्षिण अफ्रीका ने 27 वर्षों में अपना पहला बड़ा क्रिकेट खिताब जीता जिसके बाद लॉर्ड्स मैदान पर टीम के खिलाड़ी और प्रशंसकों ने जम कर जश्न मनाया। दक्षिण अफ्रीका ने अपना पिछला आईसीसी खिताब 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में जीता था। दक्षिण अफ्रीका ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 213 रन से की थी। टीम ने पांच विकेट पर 282 रन बनाकर लक्ष्य हासिल किया। यह लॉर्ड्स के 141 साल के इतिहास में लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए दूसरी सबसे बड़ी जीत है।

ऑस्ट्रेलिया ने मैच के चौथे दिन भी पूरा जोर लगाना जारी रखा और कप्तान पैट कमिंस की अगुवाई में उसके गेंदबाजों ने शुरुआती घंटे में दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा ली। दिन के तीसरे ओवर में जब कमिंस की गेंद पर कप्तान तेम्बा बावुमा (66) विकेट के पीछे एलेक्स कैरी के द्वारा लपके गये तब लगा कि टीम पिछली कई बार की तरह एक बार फिर जीत के करीब पहुंच कर फिसल ना जाये। दिन की शुरुआत 102 रन से करने वाले शतकवीर एडेन मारक्रम (136) की अगुवाई में टीम ने हालांकि धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी करते हुए किसी अनहोनी को टालते हुए ‘चोकर्स’ के तमगे को पीछे छोड दिया।

दक्षिण अफ्रीका की संयमित बल्लेबाजी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने दो घंटे से अधिक के सत्र में सिर्फ तीन चौके लगाये और सुबह माकूल परिस्थितियों में ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी गेंदबाजों को सिर्फ तीन विकेट झटकने के मौके दिये। ऑस्ट्रेलिया ने विकेट चटकाने के लिए पूरा प्रयास किया। टीम की बेताबी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने शुरुआती 90 मिनट के खेल में अपने तीनों डीआरएस गंवा दिये। जोश हेजलवुड की गेंद पर ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ मारक्रम जब आउट हुए तब तक मैच ऑस्ट्रेलिया के हाथों से निकल चुका था। उन्होंने छह घंटे और 23 मिनट की मैराथन पारी में 207 गेंद का सामना कर 14 चौके जड़े। काइल वेरेने (नाबाद चार) ने मारक्रम के पवेलियन लौटने के लगभग 15 मिनट के बाद विजयी रन जड़ कर दक्षिण अफ्रीका के खेमे को जश्न में डूबने का मौका दे दिया।

मारक्रम और कप्तान बावुमा ने इससे पहले शुक्रवार को मैच के तीसरे दिन 143 रनों की अटूट साझेदारी कर जीत की नींव रखी थी। यह जोड़ी हालांकि शनिवार को ज्यादा देर तक बरकरार नहीं रह सकी। बावुमा बीते दिन के स्कोर में एक रन जोड़कर दूसरी पारी में कमिंस का पहला शिकार बने। ट्रिस्टन स्टब्स ने अपनी ख्याति के उलट अति रक्षात्मक रवैया अपनाया और 43 गेंद में आठ रन बनाकर मिशेल स्टार्क (66 रन पर तीन विकेट) की गेंद पर बोल्ड हुए। इस समय टीम को 41 रनों की जरूरत थी। मारक्रम ने हालांकि एक छोर संभाले रखा और दूसरे छोर से डेविड बेडिंघम (नाबाद 21) ने स्कोरबोर्ड को चलायमान रखा। टीम को जब जीत के लिए छह रनों की जरूरत थी तब हेजलवुड की गेंद पर मिडविकेट पर ट्रेविस हेड ने मारक्रम का कैच लपका।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने उनके विकेट का जश्न नहीं मनाया। उन्होंने मारक्रम की पीठ थपथपाई और उन्हें मैच जीतने वाली पारी के लिए बधाई दी। लॉर्ड्स में मौजूद दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाकर उनका सम्मान किया। दक्षिण अफ्रीका इससे पहले आईसीसी टूर्नामेंटों में कई अहम मौकों पर खिताब के करीब पहुंच कर चूक गया है। टीम को बर्मिंघम 1999, ढाका 2011, ऑकलैंड 2015, कोलकाता 2023 और ब्रिजटाउन 2024 में मिली हार लंबे समय तक निराश करती रही लेकिन लंदन 2025 दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट में सबसे यादगार दिनों में से एक के रूप में जाना जाएगा। टीम ने जीत की प्रबल दावेदार और आईसीसी के अहम मैचों में अपने प्रदर्शन के स्तर को ऊंचा करने वाली ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम को शिकस्त दी।

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