स्नेह राणा ने बताया अपनी सफलता का राज

स्नेह राणा ने श्रीलंका में त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज में भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई
स्नेह राणा ने बताया अपनी सफलता का राज
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नयी दिल्ली : स्नेह राणा ने श्रीलंका में त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज में भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई और इस ऑफ स्पिनर ने कहा कि उनकी सफलता में गेंदबाजी कोच अविष्कार साल्वी की अहम भूमिका रही। साल्वी ने पिच को काफी अच्छी तरह पढ़ा और स्नेह को कम गति से गेंदबाजी करने की सलाह दी जो उनके काफी काम आई। बल्लेबाजी की अनुकूल पिचों पर स्नेह गेंद की गति में विविधता लाई जो काफी महत्वपूर्ण साबित हुई। उन्होंने सीरीज में 15 विकेट चटकाए और कई देशों की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की कैथरीन फिट्जपैट्रिक के लंबे समय से चले आ रहे रिकॉर्ड की बराबरी की।

स्नेह ने कहा, ‘मैंने हमारे गेंदबाजी कोच अविष्कार सर से बात की। उन्होंने हमें बताया कि वहां किस तरह की गेंदबाजी कामयाब रहेगी।’ उन्होंने कहा, ‘गेंद बल्ले पर काफी अच्छी तरह आ रही थी इसलिए हमें धीमी और फुल लेंथ की गेंद फेंकने की सलाह दी गई।’ इस ऑफ स्पिनर ने कहा, ‘मैं बेहद खुश हूं, मुझे खुशी है कि मुझे इतने लंबे समय बाद राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलने का मौका मिला। इस जर्सी को दोबारा पहनकर काफी अच्छा महसूस हो रहा है।’ श्रीलंका में सपाट पिचें थी और एक मैच में तो 600 से अधिक रन बने लेकिन स्नेह ने अपनी सटीक गेंदबाजी से बल्लेबाजों पर दबदबा बनाया।

स्नेह ने महिला त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज में सर्वाधिक विकेट के नूशीन अल खादीर और न्यूजीलैंड की राशेल पुलर के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा जिन्होंने 2002 में 12 विकेट चटकाए थे। स्नेह ने कहा, ‘जीत की लय हासिल करना हमेशा अच्छा होता है। इस तरह की परिस्थितियों में दबाव में प्रदर्शन करने से आपको अतिरिक्त आत्मविश्वास और अनुभव मिलता है।’

उन्होंने कहा, ‘और निजी तौर पर इतने लंबे समय के बाद अपने देश के लिए प्रदर्शन करना और सीरीज की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने जाने से मुझे काफी मदद मिली।’ स्नेह को 2025 महिला प्रीमियर लीग की खिलाड़ियों की नीलामी में किसी टीम ने नहीं चुना और बाद में उन्हें भारतीय टीम में चोटिल श्रेयंका पाटिल के विकल्प के तौर पर जगह मिली। श्रीलंका में शानदार प्रदर्शन के बाद स्नेह इस साल स्वदेश में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने की दावेदारों में शामिल हैं।

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