Pakistan hopes of reaching Asia Cup final remain
जीत का खुशी मनाते पाकिस्तानी खिलाड़ी।

सिर्फ 28 सितंबर का नतीजा मायने रखेगा : पाकिस्तानी कोच

बांग्लादेश को 11 रन से हराने के बाद हेसन से जब पूछा गया कि रविवार के फाइनल के लिये उन्होंने खिलाड़ियों को क्या संदेश दिया है तो उन्होंने कहा, ‘हमें पता है कि हम 14 सितंबर को और 21 सितंबर को खेले थे।
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दुबई : एशिया कप में भारत के हाथों दो शर्मनाक हार झेलने के बावजूद पाकिस्तान के मुख्य कोच माइक हेसन का मानना है कि अब सब सिर्फ फाइनल का नतीजा मायने रखता है जिसमें टूर्नामेंट में 41 साल में पहली बार चिर प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने होंगे। भारत ने ग्रुप लीग मैच में पाकिस्तान को सात विकेट से और सुपर 4 में छह विकेट से हराया। बांग्लादेश को 11 रन से हराने के बाद हेसन से जब पूछा गया कि रविवार के फाइनल के लिये उन्होंने खिलाड़ियों को क्या संदेश दिया है तो उन्होंने कहा, ‘हमें पता है कि हम 14 सितंबर को और 21 सितंबर को खेले थे।

लेकिन अब सिर्फ एक ही मैच मायने रखता है और वह है फाइनल। हमारा फोकस उसी पर है। हम सही समय पर अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाने की कोशिश करेंगे।’ भारत और पाकिस्तान 1984 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट में कभी भी फाइनल में नहीं भिड़े हैं। हेसन ने कहा, ‘अब हमें इस मौके का पूरा फायदा उठाना है। अब हमारा पूरा फोकस ट्रॉफी जीतने पर होना चाहिये और हम हर समय यही बात कर रहे हैं।’ अभी तक भारतीय मीडिया के सवालों का जवाब देने से इनकार करते आ रहे पाकिस्तान के मीडिया मैनेजर नईम गिलानी ने आखिर भारतीय पत्रकारों को एक सवाल पूछने दिया।

यह पूछने पर कि बाहर लोगों की राय और भारत के खिलाफ मैच के दौरान भड़काऊ इशारे करने वाले अपने खिलाड़ियों साहिबजादा फरहान और हारिस रऊफ के खिलाफ आईसीसी की सुनवाई को लेकर टीम की प्रतिक्रिया क्या है, कोच ने कहा, ‘मेरा संदेश यही है कि खेल पर फोकस करो और हम वही करेंगे। इन चीजों के बारे में मुझसे ज्यादा आपको पता है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं क्रिकेट पक्ष ही देखता हूं।

इशारों की जहां तक बात है तो इतने दबाव वाले मैच में जुनून तो रहता ही है। लेकिन हमारा फोकस अच्छा क्रिकेट खेलने पर है।’ हेसन ने इस धारणा को भी खारिज किया कि उनके बल्लेबाज स्पिनरों को भांप नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैने सुना है कि लोग कह रहे हैं कि हम स्पिनर के हाथ से गेंद को भांप नहीं पा रहे हैं। मैं इसका जवाब पहले भी दे चुका हूं। गेंद हाथ से निकलने के बाद भी उसे भांपकर आप बखूबी खेल पा रहे हैं तो क्या हर्ज है।’

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