जेमिमा रौड्रिग्स की ऐतिहासिक पारी से भारत फाइनल में 

मैच खत्म होने के बाद एक क्षण को वह जड़वत खड़ी रही। दूधिया रोशनी में उनकी आंखों की नमी साफ नजर आ रही थी।
जेमिमा रौड्रिग्स की ऐतिहासिक पारी से भारत फाइनल में 
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नवी मुंबई : जेमिमा रौड्रिग्स के बल्ले से रन निकलते रहे और एक ऐसी पारी उन्होंने खेल डाली जो क्रिकेट की किवदंतियों में शुमार हो जायेगी। जीत के बाद उनके जज्बात का सैलाब भी रूक नहीं सका। जेमिमा ने अपने शतक पर जश्न नहीं मनाया। उनके चेहरे पर मुस्कुराहट और खुशी के आंसू विजयी शॉट लगाने के बाद ही नजर आये। भारत ने रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करके सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर दूसरी बार महिला विश्व कप फाइनल में जगह बनाई और इस जीत की गाथा लिखी जेमिमा ने। मैच खत्म होने के बाद एक क्षण को वह जड़वत खड़ी रही। दूधिया रोशनी में उनकी आंखों की नमी साफ नजर आ रही थी।

यह मैच जिताने वाला शतक ही नहीं था बल्कि जिम्मेदारी निभाने का भाव भी इसमे समाहित था। ईसामसीह पर अगाध आस्था रखने वाली जेमिमा ने विश्व कप के नॉकआउट मैच के इतिहास की सबसे यादगार पारियों में से एक खेली। मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में भावनाओं पर काबू पाने की कोशिश करते हुए जेमिमा ने कहा, ‘आखिर में बस मैं बाइबिल में लिखी हुई वह बात याद कर रही थी कि चुपचाप खड़े रहो और खुदा मेरे लिये लड़ेगा।’ इस मैच से पहले तक अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पाने के लिये आलोचना झेल रही मुंबई की जेमिमा ने विश्व रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए 127 रन की पारी खेली।

भीगी पलकों के साथ उन्होंने कहा, ‘इस टूर्नामेंट में हर दिन मैं रोई हूं। मानसिक रूप से अच्छा नहीं कर पा रही थी। मुझे पता था कि मुझे अच्छा खेलना है और ईश्वर सब ठीक करेंगे । शुरूआत में सिर्फ खेलती गई और खुद से बाते करती रही।’ ईश्वर में अटूट आस्था रखने वाले परिवार से आई जेमिमा ने कहा, ‘मैं बस खड़ी रही और वह मेरे लिये लड़े। मेरे भीतर बहुत कुछ चल रहा था लेकिन मैने संयम बनाये रखने की कोशिश की। मैं ईसामसीह को धन्यवाद देना चाहती हूं। मैं खुद यह नहीं कर सकती थी।’

उन्होंने वीआईपी दीर्घा में बैठे अपने परिवार की ओर हवा में चुंबन दिया। अपने पिता और कोच इवान को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा,‘मैं अपनी मां, पिता और कोच और मुझ पर भरोसा रखने वाले हर इंसान को धन्यवाद देना चाहती हूं। यह महीना काफी कठिन था और यह सपने जैसा लग रहा है। दीप्ति लगातार मेरी हौसलाअफजाई करती रही । रिचा आई और मुझे उठा लिया।’ जेमिमा ने कहा, ‘मेरे साथी खिलाड़ी मेरा हौसला बढाते रहे। मैं इस पारी का श्रेय नहीं ले सकती। मैने खुद कुछ नहीं किया। दर्शकों में से हर एक ने मेरी हौसलाअफजाई की और हर रन पर मेरा उत्साह बढाया।’  

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