धोनी सर से दबाव को झेलना सीखा है : दीप्ति शर्मा

भारत की अनुभवी हरफनमौला दीप्ति शर्मा ने बताया कि उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी के वीडियो क्लिप देखकर कठिन परिस्थितियों में भी संयम बनाये रखना सीखा है
Dipti Sharma
दीप्ति शर्मा
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बर्मिंघम : भारत की अनुभवी हरफनमौला दीप्ति शर्मा ने बताया कि उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी के वीडियो क्लिप देखकर कठिन परिस्थितियों में भी संयम बनाये रखना सीखा है। भारत के पूर्व कप्तान धोनी को दबाव को संभालने के मामले में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं। दीप्ति ने हाल ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 300 विकेट पूरे किये। वह झूलन गोस्वामी (355) के बाद ऐसे करने वाली दूसरी भारतीय गेंदबाज है। इस 27 साल की हरफनमौला ने अपनी ऑफ-स्पिन गेंदबाजी और निचले क्रम में शानदार बल्लेबाजी से लगातार प्रभावित किया है। दबाव में धैर्य बनाये रखने की क्षमता दीप्ति को अलग स्तर का खिलाड़ी बनाती है। दीप्ति ने शुक्रवार को कहा, ‘मैंने एमएस धोनी सर से दबाव को झेलना सीखा है।

जब भी उनका कोई मैच होता था मैं टीवी से चिपकी रहती थी और मैच देखती थी।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा कभी नहीं लगा कि धोनी किसी भी पल दबाव में हैं, वह शांति से स्थिति को संभालते थे और अंत में मैच जीतते थे। मैंने भी अपने खेल में यही गुण विकसित किया है।’ दीप्ति पिछले कुछ वर्षों में टीम की सबसे निरंतर प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ियों में से एक रही हैं। उन्हें अक्सर गेंद से महत्वपूर्ण सफलता दिलाने या बल्ले से टीम को मुश्किल हालात से निकालने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। उन्होंने कहा, ‘मैं चीजों को सरल रखती हूं, उदाहरण के लिए हर मैच में जब भी मुझे गेंदबाजी करने का मौका मिलता है, चाहे वह पावरप्ले में हो या आखिरी ओवरों में, मैं उस काम को बहुत शांतचित होकर करती हूं।’

दीप्ति ने कहा, ‘मुझे चुनौतियां पसंद हैं और जब भी कोई मुश्किल स्थिति आती है, टीम प्रबंधन को लगता है कि हमारे पास दीप्ति है और वह काम पूरा सकती है।’ दीप्ति ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में एलिस कैप्सी का विकेट लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों में अपना 300वां विकेट पूरा किया। उन्होंने कहा, ‘जाहिर तौर पर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है और यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत गर्व का क्षण है। टीम ने भी इस उपलब्धि के लिए मेरी बहुत तारीफ की है।’ उन्होंने कहा, ‘जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो मैंने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया था।

तब मेरा एकमात्र लक्ष्य भारत के लिए खेलना था। मैंने उसी के अनुसार कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ अभ्यास किया।’ उन्होंने कहा, ‘मैं रिकॉर्ड और अन्य चीजों के बारे में नहीं सोच रही थी। यह कभी मेरे दिमाग में नहीं था लेकिन जब हम किसी उपलब्धि को हासिल करते है तो अच्छा लगता है।’ दायें हाथ से ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने वाली दीप्ति ने कहा, ‘जब मैंने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला विकेट लिया था, मेरा मतलब है कि मुझे उस मैच में दो विकेट मिले थे। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मेरे पहले विकेट थे। मेरे पास कुछ अच्छी यादें हैं जिसमें मेरे साथियों से प्रोत्साहन और हाई-फाइव शामिल हैं।

दीप्ति ने 17 साल की उम्र में अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण नवंबर 2014 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकदिवसीय मैच में किया था। उन्होंने कहा, ‘मैंने कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है, जैसे कि मैं इतने विकेट लेना चाहती हूं या इतने रन बनाना चाहती हूँ।’ दीप्ति ने कहा, ‘मैंने यह उपलब्धि अपने परिवार को समर्पित की है। मैंने जब से खेलना शुरू किया तब से लेकर आज तक उन्होंने बहुत बलिदान दिए हैं।’ दीप्ति ने पांच महिला टेस्ट में 18.10 की औसत से 20 विकेट लिए हैं। उन्होंने 106 महिला वनडे में 27.28 की औसत से 135 विकेट लिए हैं जबकि 128 महिला टी-20 अंतरराष्ट्रीय में उनके नाम 145 विकेट है।  

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