गंभीर को शायद थोड़ा ‘शांत रहने’ की जरूरत है : मांजरेकर

रविवार को कड़े मुकाबले में ड्रॉ के बावजूद भारत सीरीज में 1-2 से पीछे है और अब सिर्फ एक मैच बाकी है।
गंभीर को शायद थोड़ा ‘शांत रहने’ की जरूरत है : मांजरेकर
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मैनचेस्टर : पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का मानना है कि गौतम गंभीर को शायद थोड़ा ‘शांत रहने’ की जरूरत है और उनका साथ ही कहना है कि राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच के कुछ कमजोर रणनीतिक फैसलों के बावजूद भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में सम्मानजनक ड्रॉ हासिल किया। मांजरेकर ने कहा कि बाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज गंभीर लाल गेंद के प्रारूप में रणनीतिक रूप से सही नहीं रहे हैं। रविवार को कड़े मुकाबले में ड्रॉ के बावजूद भारत सीरीज में 1-2 से पीछे है और अब सिर्फ एक मैच बाकी है।

मांजरेकर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि गंभीर कुछ रणनीतिक फैसलों के बावजूद भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है। यह नहीं भूलें कि भारत न्यूजीलैंड से अपने घर में 0-3 से हारा और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी सरजमीं पर आसानी से हार गया। इस टीम में हमने जो संघर्ष देखा है? वह खिलाड़ियों की वजह से है।’ उन्होंने कहा, ‘क्योंकि रणनीतिक तौर पर गंभीर ने हमेशा चीजों को आसान नहीं बनाया है, विशेषकर चयन से जुड़े अपने कुछ फैसलों के साथ।’ मांजरेकर ने इस आक्रामक मुख्य कोच से यह भी आग्रह किया कि वह हर विरोधाभासी राय को बिना सोचे-समझे आलोचना नहीं समझें क्योंकि पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कप्तान शुभमन गिल के आलोचकों पर पलटवार करते हुए उन्हें क्रिकेट की समझ की कमी वाला व्यक्ति बताया था।

गंभीर ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘शुभमन गिल की प्रतिभा पर कभी कोई संदेह नहीं था। अगर किसी को संदेह था तो शायद उन्हें क्रिकेट की समझ नहीं है। कुछ खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जमने में समय लगता है।’ उन्होंने कहा, ‘इस दौरे पर उसने जो किया उससे इस ड्रेसिंग रूम में कोई भी हैरान नहीं है।’ गंभीर ने कहा, ‘अगर उन्होंने वैसा प्रदर्शन नहीं भी किया होता जैसा उन्होंने किया, तब भी हमें उनकी प्रतिभा पर पूरा भरोसा होता। मायने यह रखता है कि वह अपनी उम्मीदों और क्षमता पर खरे उतर रहे हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि कप्तानी का तथाकथित दबाव उन पर बल्लेबाजी करते समय असर नहीं डालता। वह कप्तान के रूप में नहीं बल्कि बल्लेबाज के रूप में खेलते हैं।’ भारत के लिए 37 टेस्ट खेलने वाले मांजरेकर भारतीय क्रिकेट से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं जो कई बार आम राय से मेल नहीं खाता। गंभीर की प्रेस कांफ्रेंस सुनने के बाद मांजरेकर ‘जियोहॉटस्टार’ पर अपनी राय व्यक्त करने से खुद को रोक नहीं पाए।

मांजरेकर ने कहा, ‘हां, आप कह सकते हैं कि कुछ सवाल उन्हें परेशान करते हैं, विशेषकर जब लोग गिल पर एक युवा कप्तान और बल्लेबाज के रूप में सवाल उठाते हैं। और सच कहूं तो ये जायज संदेह हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि क्रिकेट को गहराई से समझने वाले लोग भी सोच रहे हैं कि क्या उन्हें यह मौका देने का यह सही समय था। मुझे उम्मीद है कि हम सब इसे बेहतर समझ पाएंगे।’ मांजरेकर ने गंभीर के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि करुण नायर को उनके खराब प्रदर्शन के बाद टीम से बाहर नहीं किया गया था बल्कि सिर्फ सर्वश्रेष्ठ 11 खिलाड़ियों का चयन किया गया था। उन्होंने कहा, ‘और यह कहना कि करुण नायर को ‘बाहर नहीं किया गया’। आप लोग इसे बाहर किए जाने रूप में देखते हैं, उनके लिए यह ‘सही टीम चुनने’ के बारे में है। अगर किसी को बाहर जाता है तो उसे बाहर किय जाता है।’

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