

गुवाहाटी : पिछले मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के हाथों अपने गढ चेपॉक पर 17 साल बाद मिली हार से हतप्रभ चेन्नई सुपर किंग्स का सामना रविवार को गुवाहाटी की टर्निंग पिच पर राजस्थान रॉयल्स से होगा तो नजरें जीत की राह पर लौटने पर लगी होंगी। रजत पाटीदार की कप्तानी वाली आरसीबी ने चेन्नई के लचर क्षेत्ररक्षण और खराब बल्लेबाजी का फायदा उठाते हुए 50 रन से जीत दर्ज की। आईपीएल के पहले सत्र (2008) के बाद चेपॉक पर आरसीबी की चेन्नई के खिलाफ यह पहली जीत थी। चेन्नई के लिये महेंद्र सिंह धोनी नौवें नंबर पर उतर रहे हैं जिससे प्रशंसकों को काफी निराशा हाथ लगी है।
धोनी ने 16 गेंद में नाबाद 30 रन बनाकर अपने प्रशंसकों को भले ही खुश कर दिया हो लेकिन टीम के लिये तब तक मैच हाथ से निकल चुका था। आरसीबी के खिलाफ जोश हेजलवुड और भुवनेश्वर कुमार का सामना करने में चेन्नई के बल्लेबाज नाकाम रहे। गुवाहाटी की विकेट चेपॉक की तरह है जिस पर राजस्थान रॉयल्स का सामना करना उतना मुश्किल नहीं होगा चूंकि उसके पास इतना मजबूत गेंदबाजी आक्रमण नहीं है। रियान पराग को कप्तानी का उतना अनुभव भी नहीं है। दूसरी ओर चेन्नई का गेंदबाजी आक्रमण भी इस बार उतना धारदार नहीं लग रहा। मथीषा पथिराना और बायें हाथ के कलाई के स्पिनर नूर अहमद ने शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन भारतीय गेंदबाज नाकाम ही रहे हैं।
खलील अहमद नयी गेंद के उतने प्रभावी गेंदबाज नहीं हैं। रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा इस प्रारूप में अब उतने खतरनाक नहीं रह गए। वैसे मोईन अली और वरुण चक्रवर्ती ने जिस तरह केकेआर के लिये यहां के हालात का बखूबी फायदा उठाया, उसी तरह अश्विन और जडेजा भी चेन्नई के लिये उपयोगी साबित हो सकते हैं। ऐसे में रॉयल्स के बल्लेबाजों संजू सैमसन, पराग, शुभम दुबे, नीतिश राणा और ध्रुव जुरेल के लिये मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। रॉयल्स के पास जोस बटलर जैसा धुरंधर विदेशी बल्लेबाज नहीं है। वहीं तुषार देशपांडे और संदीप शर्मा जैसे भारतीय गेंदबाजों में आत्मविश्वास का अभाव है। उनके पास कोई उच्च कोटि का स्पिनर भी नहीं है और इस समय दो कमजोर टीमों के मुकाबले में चेन्नई का पलड़ा भारी लग रहा है।