19 महीने के निचले स्तर पर रही थोक महंगाई

19 महीने के निचले स्तर पर रही थोक महंगाई
Published on

यी दिल्ली : खाद्य वस्तुओं एवं ईंधन की कीमतों में गिरावट के साथ विनिर्मित उत्पादों की लागत में कमी आने से थोक मुद्रास्फीति 19 माह बाद शून्य से नीचे आ गई है। जून में यह -0.13 प्रतिशत रही है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति मई में 0.39 प्रतिशत और जून, 2024 में 3.43 प्रतिशत के स्तर पर रही थी। उद्योग मंत्रालय ने कहा, जून, 2025 में मुद्रास्फीति में कमी की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, मूल धातुओं के विनिर्माण, कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस आदि की कीमतों में नरमी रही। 

क्या रही स्थिति : जून में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 3.75 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि मई में इनमें 1.56 प्रतिशत की गिरावट आई थी। सब्जियों की कीमतों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई। जून में सब्जियों के दाम 22.65 प्रतिशत घट गए। मई में सब्जियों की महंगाई दर 21.62 प्रतिशत घटी थी। विनिर्मित उत्पादों के मामले में मुद्रास्फीति 1.97 प्रतिशत रही, जबकि मई में यह 2.04 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली में जून में यह 2.65 प्रतिशत रही, जो मई में 2.27 प्रतिशत रही थी।

सकारात्मक संकेत : उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि लगातार सात महीनों से थोक मुद्रास्फीति में नरमी भारत में उच्च आर्थिक वृद्धि के लिए सकारात्मक संकेत है। भविष्य में घरेलू मांग में वृद्धि, सामान्य मानसून की उम्मीद और देश में मजबूत समग्र आर्थिक गतिविधियों को देखते हुए हमारा अनुमान है कि मौजूदा भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बावजूद आने वाले महीनों में थोक मुद्रास्फीति मध्यम बनी रहेगी।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in