शुल्क वृद्धि का भारत की जीडीपी पर व्यापक असर की आशंका नहीं

शुल्क वृद्धि का भारत की जीडीपी पर व्यापक असर की आशंका नहीं
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नयी दिल्ली : अमेरिका की तरफ से भारत पर 25 प्रतिशत सीमा शुल्क और जुर्माना लगाए जाने से चालू वित्त वर्ष में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में 0.30 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। हालांकि, बार्कलेज ने कहा है कि घरेलू मांग पर आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था पर इस शुल्क वृद्धि का व्यापक असर पड़ने की आशंका नहीं है। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज ने यह बात कही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की थी कि एक अगस्त से भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में 25 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने रूस से तेल एवं गैस खरीदने के दंडस्वरूप भारत पर जुर्माना लगाने की भी घोषणा की। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है, जो पिछले वर्ष के बराबर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और एशियाई विकास बैंक ने क्रमशः 6.4 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है।

क्या होगा असर : बार्कलेज के मुताबिक, यह शुल्क वृद्धि एक अगस्त से लागू होती है तो भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर औसतन प्रभावी शुल्क दर व्यापार-भारित संदर्भ में बढ़कर 20.6 प्रतिशत हो जाएगी। यह दर दो अप्रैल, 2025 से पहले की 2.7 प्रतिशत और उच्च शुल्क को 90 दिनों तक स्थगित रखे जाने की अवधि में लागू 11.6 प्रतिशत दर से कहीं अधिक है। इसके विपरीत भारत में अमेरिका से आयात होने वाले उत्पादों पर औसत शुल्क दर 11.6 प्रतिशत है।

उम्मीद जताई : भारतीय अर्थव्यवस्था की अपेक्षाकृत बंद प्रकृति और घरेलू मांग पर निर्भरता इसे बड़े झटकों से बचाती है।बार्कलेज ने उम्मीद जताई कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताओं के चलते अंतिम शुल्क दर आगे चलकर कम होकर 25 प्रतिशत से नीचे आ सकती है।

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