भारत को चीन के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध बनाने चाहिए : नीति आयोग सीईओ

चीन 18,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था है और उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम
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नयी दिल्ली : भारत को चीन सहित अपने पड़ोसियों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध बनाने चाहिए। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि चीन 18,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था है और उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पूरा यूरोपीय संघ अपने भीतर 50 प्रतिशत व्यापार करता है, जबकि बांग्लादेश भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और नेपाल शीर्ष 10 में हुआ करता था। उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ व्यापार बढ़ाने की जरूरत बतायी। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि जब दुनिया भर में कारखाने और नौकरियां स्थानांतरित हो रही थीं, तब भारत की जगह वियतनाम ने इस मौके का फायदा उठा लिया।

जीएसटी 2.0 के बाद एक और सुधार : सुब्रह्मण्यम ने यह भी संकेत दिया कि जीएसटी 2.0 के बाद दिवाली से पहले सुधारों की एक और कड़ी की घोषणा हो सकती है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के सदस्य राजीव गौबा के नेतृत्व वाली समिति ने इन सुधारों पर अपनी रिपोर्ट पहले ही जमा कर दी है।

क्या है स्थिति : यह दुर्भाग्य की बात है कि हम एक बहुत ही कठिन भौगोलिक क्षेत्र में हैं। अमेरिका के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार कौन हैं? मेक्सिको और कनाडा। यह स्वाभाविक है। अगर आपके पड़ोसी देशों के साथ मजबूत व्यापारिक व्यवस्थाएं नहीं हैं, तो आप वास्तव में नुकसान में हैं... अगर आप प्रतिस्पर्धी हैं, तो वे आपका सामान खरीदेंगे। चीन से निवेश पर प्रतिबंध हटाने के बारे में पूछने पर उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि चीन, भारत के लिए एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। उन्होंने यहां 'ट्रेड वॉच क्वार्टरली' का शुभारंभ करने के बाद कहा, एशिया पर पूरा ध्यान केंद्रित करें। इससे कोई बच नहीं सकता। अगर आप चीन को ज्यादा कुछ नहीं बेच पा रहे हैं, तो क्या फायदा, क्योंकि यह 18,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था है - आप उस अर्थव्यवस्था से बच नहीं सकते। आपको प्रतिस्पर्धा करने और बेचने में सक्षम होना चाहिए। अच्छे देशों का चीन के साथ व्यापार अधिशेष है।

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