IIP वृद्धि 13 महीने के निचले स्तर पर

औद्योगिक मंदी: अक्टूबर में IIP वृद्धि 0.4%, विनिर्माण, खनन व बिजली उत्पादन में भारी गिरावट
IIP वृद्धि 13 महीने के निचले स्तर पर
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नयी दिल्ली : विनिर्माण, खनन एवं बिजली क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन से अक्टूबर महीने में देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि सुस्त पड़कर 13 महीनों के निचले स्तर 0.4 प्रतिशत पर आ गई। एक साल पहले की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन 3.7 प्रतिशत बढ़ा था। IIP का पिछला निचला स्तर सितंबर, 2024 में दर्ज किया गया था जब यह स्थिर रहा था। NSO ने सितंबर, 2025 के आंकड़ों को संशोधित करते हुए वृद्धि दर को चार प्रतिशत से बढ़ाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया है। 

क्या रही स्थिति

अक्टूबर महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 1.8 प्रतिशत पर आ गई, जबकि साल भर पहले यह 4.4 प्रतिशत रही थी। खनन क्षेत्र के उत्पादन में 1.8 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पिछले साल इसी महीने यह 0.9 प्रतिशत बढ़ा था। बिजली उत्पादन में भी 6.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि पिछले साल यह दो प्रतिशत बढ़ा था। वित्त वर्ष 2025-26 के पहले सात महीनों (अप्रैल-अक्टूबर) में देश के औद्योगिक उत्पादन में कुल 2.7 प्रतिशत प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह चार प्रतिशत थी।

खंडवार स्थिति 

विनिर्माण क्षेत्र में शामिल 23 में से नौ उद्योग खंडों ने अक्टूबर महीने में सालाना आधार पर सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। उपयोग-आधारित वर्गीकरण के मुताबिक, पूंजीगत उत्पाद खंड में 2.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 2.9 प्रतिशत थी। टिकाऊ उपभोक्ता खंड में आलोच्य माह के दौरान 0.5 प्रतिशत की गिरावट आई, एक साल पहले इसमें 5.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

अक्टूबर, 2025 में गैर-टिकाऊ उपभोक्ता खंड में उत्पादन 4.4 प्रतिशत गिर गया जबकि एक साल पहले इसमें 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। ढांचागत क्षेत्र/ निर्माण उत्पादों के खंड में उत्पादन बढ़कर 7.1 प्रतिशत हो गया जबकि पिछले साल की समान अवधि में 4.7 प्रतिशत बढ़ोतरी रही थी। प्राथमिक वस्तुओं का उत्पादन अक्टूबर माह में 0.6 प्रतिशत घटा है जबकि एक साल पहले यह 2.5 प्रतिशत बढ़ा था। मध्यवर्ती उत्पाद खंड में इस महीने 0.9 प्रतिशत की बढ़त रही जबकि एक साल पहले इसमें 4.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

फरवरी के बाद से परिचालन में सबसे धीमी गति का संकेत

चुनौतीपूर्ण बाजार स्थितियों की खबरों के बीच बिक्री एवं उत्पादन में धीमी वृद्धि से भारत की विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां नवंबर में नौ महीने के निचले स्तर पर आ गईं। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अक्टूबर के 59.2 से नवंबर में 56.6 पर आ गया। यह फरवरी के बाद से परिचालन स्थितियों में सबसे धीमी गति का संकेत देता है।

खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर का अंक विस्तार जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन दर्शाता है। एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया गया है।

एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, नवंबर के पीएमआई आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि अमेरिकी शुल्क के कारण विनिर्माण विस्तार धीमा हुआ है। कंपनियों ने हालांकि सुझाव दिया कि अंतरराष्ट्रीय बिक्री का रुझान अनुकूल बना हुआ है जो अफ्रीका, एशिया, यूरोप और पश्चिम एशिया में ग्राहकों को अधिक बिक्री को दर्शाता है।

निर्यात आर्डर

समग्र वृद्धि की गति में मामूली गिरावट आई है। नये निर्यात ऑर्डर औसतन एक वर्ष से अधिक समय में सबसे कम गति से बढ़े हैं।

मुद्रास्फीति की दर में कमी  

कीमतों के मोर्चे पर नवंबर में मुद्रास्फीति की दर में कमी आई, जबकि कच्चे माल की लागत एवं बिक्री शुल्क क्रमशः नौ और आठ महीनों में सबसे धीमी गति से बढ़े। रोजगार के मोर्चे पर, भारत में विनिर्माताओं ने नए ऑर्डर वृद्धि में मंदी के अनुरूप अपनी भर्ती एवं क्रय गतिविधियों को समायोजित किया।

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