

नयी दिल्ली : भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान 18 प्रतिशत बढ़कर 35.18 अरब डॉलर रहा। मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में अमेरिका से निवेश दोगुना से अधिक बढ़कर 6.62 अरब डॉलर हो गया। पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान विदेशों से निवेश 29.79 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। चालू वित्त वर्ष 2025-26 की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान, निवेश प्रवाह सालाना आधार पर 21 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 16.55 अरब डॉलर रहा।
क्या रही स्थिति : कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) इस वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान बढ़कर लगभग 50 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2024-25 की इसी अवधि में यह 42.3 अरब डॉलर था। कुल एफडीआई में, इक्विटी प्रवाह, फिर से निवेश की गयी आय और अन्य पूंजी शामिल है। अमेरिका से आने वाला निवेश चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में 6.62 अरब डॉलर हो गया जो बीते वित्त वर्ष 2024-25 की समान अवधि में 2.57 अरब डॉलर था।
एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत : इस अवधि के दौरान सिंगापुर एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत रहा। उसने 11.94 अरब डॉलर का योगदान दिया। इसके बाद अमेरिका, मॉरीशस (3.47 अरब डॉलर), यूएई (2.33 अरब डॉलर), केमैन आइलैंड (18.3 लाख डॉलर), नीदरलैंड (1.63 अरब डॉलर), साइप्रस (1.4 अरब डॉलर) और जापान (1.21 अरब डॉलर) का स्थान रहा। अमेरिका अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2025 के बीच 77.27 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है। निवेश के शीर्ष स्रोत में सिंगापुर (186.82 अरब डॉलर) और मॉरीशस (183.66 अरब डॉलर) का स्थान है।
क्षेत्रवार स्थिति : इस वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में निवेश बढ़कर नौ अरब डॉलर, सेवाओं (पांच अरब डॉलर), व्यापार (2.78 अरब डॉलर), वाहन (1.57 अरब डॉलर), निर्माण विकास (23.3 करोड़ डॉलर), गैर-परंपरागत ऊर्जा (दो अरब डॉलर) और रसायन (53.4 करोड़ डॉलर) क्षेत्रों में रहा।
महाराष्ट्र में सबसे अधिक निवेश : इस अवधि के दौरान महाराष्ट्र में सबसे अधिक 10.57 अरब डॉलर का निवेश हुआ। इसके बाद कर्नाटक (9.4 अरब डॉलर), तमिलनाडु (3.57 अरब डॉलर), हरियाणा (3.22 अरब डॉलर), गुजरात (2.24 अरब डॉलर), दिल्ली (2.3 अरब डॉलर) और तेलंगाना (1.14 अरब डॉलर) का स्थान रहा। सरकार ने निवेशक-अनुकूल एफडीआई नीति लागू की है। इसके तहत ज्यादातर क्षेत्र स्वचालित मार्ग से 100 प्रतिशत विदेशी निवेश के लिए खुले हैं।
कई क्षेत्रों में सुधार : सरकार ने एफडीआई मानदंडों को उदार बनाने के लिए कई क्षेत्रों में सुधार किए हैं। 2014 और 2019 के बीच महत्वपूर्ण सुधारों में रक्षा, बीमा और पेंशन क्षेत्रों में एफडीआई सीमा में वृद्धि, तथा निर्माण,नागर विमानन और एकल-ब्रांड खुदरा व्यापार के लिए उदार नीतियां शामिल हैं। पिछले वित्त वर्ष के दौरान एफडीआई इक्विटी प्रवाह 50.01 अरब डॉलर था, जबकि कुल एफडीआई 80.6 अरब डॉलर था।