

नई दिल्ली : गोदरेज एयरोस्पेस (Godrej Aerospace) ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि उसने गगनयान परियोजना के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को पहला ‘ह्यूमन-रेटेड’ एल110 चरण विकास इंजन सौंप दिया है।
क्या होता है ‘ह्यूमन-रेटेड’ इंजन
‘ह्यूमन-रेटेड’ इंजन एक ऐसा इंजन होता है जिसे अंतरिक्ष यान में मनुष्यों को सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए प्रमाणित किया गया होता है। गगनयान परियोजना के अंतर्गत पहली मानवरहित परीक्षण उड़ान अगले वर्ष के शुरू में प्रस्तावित है तथा इसरो की योजना 2027 में पृथ्वी की परिक्रमा के लिए स्वदेश निर्मित रॉकेट के माध्यम से पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की है।
यह उपलब्धि भारत को मजबूत करेगी
गोदरेज एंटरप्राइजेज समूह के एयरोस्पेस कारोबार के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं व्यवसाय प्रमुख मानेक बेहरामकामदीन ने एक बयान में कहा, ‘यह उपलब्धि इसरो और तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) के साथ हमारी दीर्घकालिक साझेदारी की पुष्टि करती है तथा मिशन-महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी प्रदान करने की हमारी क्षमता को प्रदर्शित करती है, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत के नेतृत्व को मजबूत करती है।’
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चार दशकों से कार्यरत
गोदरेज एंटरप्राइजेज समूह चार दशकों से अधिक समय से चंद्रयान और निसार सहित ऐतिहासिक अभियानों के लिए उच्च परिशुद्धता इंजन और घटकों की आपूर्ति कर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में योगदान देता रहा है। गगनयान मिशन में ‘ह्यूमन-रेटेड’ एलवीएम-3 का उपयोग भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने वाले ‘क्रू मॉड्यूल’ को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए किया जाएगा।
गौरतलब है कि गोदरेज एयरोस्पेस गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप की एक प्रमुख व्यावसायिक इकाई है, जो विमान और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिए हाई-प्रिसिजन कंपोनेंट्स, असेंबली और सिस्टम के निर्माण में विशेषज्ञता रखती है। यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण भागीदार है और वैश्विक विमानन दिग्गजों को भी आपूर्ति करती है। यह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के एरियल एप्लीकेशन के लिए टर्बोजेट इंजन के मॉड्यूल बनाने वाली पहली भारतीय निजी कंपनी भी है।