6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है जीडीपी

सरकारी खर्च और निवेश गतिविधियों से जीडीपी में सुधार की उम्मीद
 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है जीडीपी
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नयी दिल्लीः अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत की जीडीपी 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अनुमान लगाया है। उसने इसका कारण असमान उपभोग के बीच बढ़े हुए सरकारी खर्च को बताया है। अप्रैल-जून में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही, लेकिन आम चुनावों के कारण सरकार के पूंजीगत व्यय में कमी तथा कमजोर उपभोग मांग के कारण सितंबर तिमाही में यह धीमी होकर सात तिमाहियों के निम्नतम स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि तीसरी तिमाही में भारत की निवेश गतिविधि में सुधार हुआ है, जैसा कि दूसरी तिमाही की तुलना में कई निवेश-संबंधी संकेतकों में सालाना आधार पर वृद्धि में तेजी से परिलक्षित होता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञः इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष (2024-25) की तीसरी तिमाही में भारत के आर्थिक प्रदर्शन को पूंजीगत और राजस्व व्यय पर कुल सरकारी खर्च (केंद्र और राज्य) में तेज बढ़ोतरी, सेवा निर्यात में उच्च वृद्धि, व्यापारिक निर्यात में सुधार, प्रमुख खरीफ फसलों के अच्छे उत्पादन आदि से लाभ हुआ, जिससे ग्रामीण धारणा को बल मिला। त्योहारी सीजन के दौरान कुछ उपभोक्ता-केंद्रित क्षेत्रों में तेजी देखी गई, जबकि शहरी उपभोक्ता भावना में थोड़ी गिरावट आई, तथा खनन और बिजली जैसे अन्य क्षेत्रों में पिछली तिमाही में मौसम संबंधी चुनौतियों के बाद सुधार देखा गया। कुल मिलाकर, जहां हम उम्मीद करते हैं कि सितंबर तिमाही के सात-तिमाही के निम्नतम आंकड़ों के सापेक्ष दिसंबर तिमाही में जीडीपी और जीवीए विस्तार की गति बढ़ेगी, जो एक सुधार को दर्शाता है, वहीं प्रदर्शन जून तिमाही के लिए एनएसओ के शुरुआती अनुमानों से कमतर रह सकता है।

वृद्धि अनुमानः राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 28 फरवरी को अक्टूबर-दिसंबर के वृद्धि अनुमान जारी करेगा। यह चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का दूसरा अग्रिम अनुमान भी जारी करेगा। जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमानों में एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था जो चार साल का सबसे निचला स्तर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उम्मीद है कि वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहेगी। अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर तीसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत थी। असमान उपभोग के बीच बढ़े हुए सरकारी खर्च से इसे लाभ मिलेगा।

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