चीन ने भारत के खिलाफ WTO में मामला किया

चीन ने कहा कि भारत के ये उपाय कथित तौर पर डब्ल्यूटीओ के कई प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं
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बीजिंग : चीन ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) क्षेत्र से जुड़े उत्पादों पर लगाए गए सीमा-शुल्क और सौर क्षेत्र को सब्सिडी देने पर भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में एक याचिका दायर कर परामर्श की मांग रखी। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने यहां जारी एक बयान में यह जानकारी दी। चीन ने कहा कि भारत के ये उपाय कथित तौर पर डब्ल्यूटीओ के कई प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं, जिनमें राष्ट्रीय उपचार का सिद्धांत भी शामिल है। बयान के मुताबिक, भारत के ये कदम आयात-प्रतिस्थापन सब्सिडी की श्रेणी में आते हैं जो डब्ल्यूटीओ नियमों के तहत स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित हैं।

चीन के हितों को नुकसान : चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, “ये कदम भारत के घरेलू उद्योगों को अनुचित रूप से प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करते हैं और चीन के हितों को नुकसान पहुंचाते हैं।” इसके साथ ही चीन ने भारत से अपने WTO दायित्वों का सम्मान करने और इन उपायों में शीघ्र संशोधन करने का आग्रह किया है।

कैसे होगा समाधान : परामर्श प्रक्रिया के तहत भारत और चीन आपस में बातचीत करके समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। अगर इसमें समाधान नहीं निकलता है तो मामला विवाद निपटान पैनल तक जा सकता है। यह इस साल चीन की तरफ से भारत के खिलाफ WTO में दायर की गई दूसरी याचिका है।

पहले भी दायर की थी याचिका : इससे पहले अक्टूबर में भी चीन ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और बैटरी क्षेत्र में कथित अनुचित सब्सिडी को लेकर भारत के खिलाफ याचिका दायर की थी। उस याचिका में चीन ने आरोप लगाया था कि भारत की EV एवं बैटरी क्षेत्रों से जुड़ी सब्सिडी नीतियां उसके हितों को प्रभावित कर रही हैं। उसने इस मामले में भी WTO से भारत के साथ परामर्श की मांग की थी।

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