छत्तीसगढ़ ने चीन को 12,000 टन तांबा निर्यात किया

यह इस खनिज की अब तक की सबसे बड़ी खेप है
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नयी दिल्ली : चीन को 12,000 टन तांबा सांद्र (कॉपर कन्संट्रेट) का निर्यात करके छत्तीसगढ़ ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह देश में इस खनिज की अब तक की सबसे बड़ी खेप है। नवा रायपुर स्थित मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) से 12,000 टन तांबा सांद्र की इस ऐतिहासिक खेप को रवाना किया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह न केवल वाणिज्य के लिहाज से एक ऐतिहासिक कदम है बल्कि यह भारत के औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक्स परिदृश्य में छत्तीसगढ़ की बढ़ती ताकत को भी दर्शाता है। इस खेप में से 2,200 टन तांबा ले जाने वाला पहला ‘रैक’ 11 नवंबर को विशाखापत्तनम बंदरगाह से समुद्री मार्ग से चीन भेजा गया। बाकी ‘रैक’ अलग खेपों में भेजे जा रहे हैं। इस निर्यात के साथ छत्तीसगढ़ ने वैश्विक व्यापार मानचित्र पर भारत के उभरते लॉजिस्टिक्स केंद्रों में से एक के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।

भारत का एकमात्र टिन उत्पादक : तांबे के साथ-साथ इस राज्य को भारत का एकमात्र टिन उत्पादक होने का अनूठा गौरव प्राप्त है। देश का 100 प्रतिशत टिन उत्पादन छत्तीसगढ़ से आता है। भारत के कुल टिन अयस्क भंडार का करीब 36 प्रतिशत हिस्सा राज्य में है। अनुमानतः तीन करोड़ टन भंडार मुख्यतः दंतेवाड़ा एवं सुकमा जिलों में केंद्रित है। यह खनिज...इलेक्ट्रॉनिक, रक्षा उपकरण, सोलर पैनल और उन्नत मशीनरी के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिससे छत्तीसगढ़ वैश्विक प्रौद्योगिकी की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन गया है।

ऐतिहासिक निर्यात : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस निर्यात उपलब्धि को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। छत्तीसगढ़ से तांबे का यह ऐतिहासिक निर्यात एक व्यावसायिक उपलब्धि से कहीं बढ़कर है। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक साहसिक कदम है। साय ने कहा, हमारी नीतियां, औद्योगिक क्षमता और निवेशकों का विश्वास मिलकर छत्तीसगढ़ को लॉजिस्टिक व खनिज वृद्धि के लिए भारत के अग्रणी राज्यों में से एक बना रहे हैं।

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