वाहन क्षेत्र की PLI योजना में 35,657 करोड़ रुपये का निवेश आया

इस योजना से 48,974 नौकरियां भी पैदा हुई
PLI योजना
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नयी दिल्ली : वाहन क्षेत्र के लिए संचालित 'उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन' (पीएलआई) योजना में अब तक कुल 35,657 करोड़ रुपये का निवेश आया है जबकि 32,879 करोड़ रुपये की कुल बिक्री हुई है। इस योजना से 48,974 नौकरियां भी पैदा हुई हैं। इस बीच, भारी उद्योग मंत्रालय इस योजना के तहत अब तक कोई निवेश नहीं करने वाली 10 कंपनियों की बैंक गारंटी वापस लेने की तैयारी में है। भारी उद्योग मंत्रालय ने कहा कि पीएलआई-वाहन योजना के तहत अब तक 82 आवेदन मंजूर किए गए हैं। इस योजना की अवधि 2023-24 से 2027-28 तक है। वित्त वर्ष 2024-25 के प्रदर्शन वर्ष के लिए अब तक 1,999.94 करोड़ रुपये पांच स्वीकृत आवेदकों- टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टीवीएस मोटर कंपनी और ओला इलेक्ट्रिक को दिए जा चुके हैं।

प्रोत्साहन दिए गए : इस योजना के तहत अब तक 10,42,172 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, 2,38,385 इलेक्ट्रिक तिपहिया, 79,540 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और 1,391 इलेक्ट्रिक बसों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन दिए गए हैं। इस योजना के तहत केवल वही उत्पाद पात्र हैं जिनमें घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) कम-से-कम 50 प्रतिशत है। अब तक आठ कंपनियों ने 94 उत्पादों और दस कंपनियों ने 37 उत्पादों के लिए डीवीए प्रमाणपत्र हासिल किया है। मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव हनीफ कुरैशी ने बताया कि योजना में सभी आवेदकों को बैंक गारंटी देनी होती है। जिन दस कंपनियों ने अब तक कोई निवेश नहीं किया, उनकी बैंक गारंटी अब वापिस ले ली जाएगी। बाकी 72 कंपनियों के मामले में केवल न्यूनतम निवेश सीमा पूरी न करने पर कोई सजा नहीं होगी।

72,000 चार्जर लगाने का खाका तैयार : उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत 72,000 चार्जर लगाने का खाका तैयार किया है। इस बारे में राज्य सरकारों को दिशानिर्देश भेज दिए गए हैं और चार्जिंग अवसंरचना के लिए निविदा एवं अनुबंध राज्यों के स्तर पर ही जारी किए जाएंगे।

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