

पटना : बिहार में नयी सरकार के गठन के बाद संगठित अपराध और माफिया नेटवर्क के खिलाफ व्यापक अभियान तेज हो गया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार ने बृहस्पतिवार को बताया कि अपराधियों को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए बड़े पैमाने पर अवैध संपत्तियां कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की गई है और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष दस्ते गठित किए जा रहे हैं।
न्यायालय को प्रस्ताव भेजे गए हैं
डीजीपी ने बताया कि पिछले कुछ महीने में 400 कुख्यात अपराधियों की अवैध संपत्तियों को कुर्क करने के प्रस्ताव न्यायालय भेजे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लगभग 1,300 और आरोपियों की पहचान कर ली गई है, जिनकी संपत्तियों से संबंधित सभी दस्तावेज एकत्र किए जा रहे हैं और जल्द ही इन्हें भी कानूनी कुर्की की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
सूची में कई बड़े नाम
कुमार ने कहा, 'शराब, बालू और जमीन माफिया के साथ-साथ भाड़े के हत्यारों और संगठित अपराध से जुड़े कई बड़े नामों को इस सूची में शामिल किया गया है। सरकार का स्पष्ट मानना है कि गिरफ्तारी से आगे बढ़कर अपराध की आर्थिक व्यवस्था प्रहार किए बिना आपराधिक नेटवर्क को खत्म नहीं किया जा सकता।' डीजीपी ने कहा कि अपराधियों की संपत्ति कुर्क किए जाने से उनके फंडिंग नेटवर्क, प्रभाव और आपराधिक गतिविधियों पर बड़ा असर पड़ेगा।
सुदृढ़ कानून-व्यवस्था के लिए यह कदम महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा कि यह कदम कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार की प्राथमिकता का उल्लेख करते हुए डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि राज्य में ‘एंटी-रोमियो’ की तर्ज पर एक विशेष महिला दस्ते गठित किए जा रहे हैं।
महिला पुलिसकर्मी के लिए 2000 स्कूटी की खरीद
उन्होंने कहा कि इसके लिए इस वर्ष 2,000 स्कूटी खरीदी जा रही हैं, जिन पर महिला पुलिसकर्मी स्कूल और कॉलेजों के आसपास नियमित गश्त करेंगी। उन्होंने कहा, 'लड़कियों के साथ छेड़छाड़, पीछा करने और उत्पीड़न की किसी भी घटना पर अब तत्काल कार्रवाई की जाएगी। सड़क पर महिलाओं को परेशान करने वालों के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति लागू की जाएगी।'