

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को गायिका शारदा सिन्हा को उनकी पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने लोकगीतों के माध्यम से बिहार की कला और संस्कृति को नयी पहचान दी।
मोदी ने कहा, ‘बिहार कोकिला शारदा सिन्हा जी की पहली पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। उन्होंने बिहार की कला-संस्कृति को लोकगीतों के माध्यम से एक नयी पहचान दी, जिसके लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा। महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीत हमेशा जनमानस में रचे-बसे रहेंगे।’
‘बिहार कोकिला’ और ‘स्वर कोकिला’ के नाम से प्रसिद्ध सिन्हा की आवाज ने पीढ़ियों और सीमाओं को पार किया तथा उन्हें भारत की लोक संगीत परंपरा में अग्रणी हस्तियों में से एक के रूप में स्थापित किया।
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कौन थीं शारदा सिन्हा
शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के हुलास में हुआ था। उन्होंने भारतीय लोक और शास्त्रीय गायिका में रूप में ख्याति अर्जित की। वह मुख्य रूप से छठ गीत के लिए जानी जाती हैं। बिहार से ताल्लुक रखने वाली सिन्हा मुख्य रूप से मैथिली और भोजपुरी भाषा में गाती थीं। साथ ही उन्होंने विवाह गीत सहित कई लोक गीत गाए हैं। 72 वर्ष की आयु में 5 नवम्बर 2024 को उनका निधन दिल्ली में हो गया था।
शारदा सिन्हा ने कुछ हिंदी फिल्मी गानों में भी अपनी आवाज दी थी, जिनमें सलमान खान की पहली फिल्म मैंने प्यार किया से "कहे तोसे सजना", अनुराग कश्यप की समीक्षकों द्वारा प्रशंसित गैंग्स ऑफ वासेपुर भाग 2 से "तार बिजली", चारफुटिया छोकरे से "कौन सी नगरिया" और नितिन नीरा चंद्रा की देसवा शामिल हैं।
सम्मान व कृतियां
संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें 1991 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2000 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला। उन्हें 2018 में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। सिन्हा को इस वर्ष मरणोपरांत भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।