कोलकाता : संदेशखाली कांड में सीबीआई जांच जारी रखेगी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका खारिज करते हुए यह जानकारी दी। इसके साथ ही राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में सवालों का सामना करना पड़ा। कोर्ट ने सवाल उठाया कि आखिर राज्य सरकार एक व्यक्ति को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है?
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और जमीन हड़पने के आरोप में संदेशखाली में स्वत: संज्ञान मामला दर्ज किया। हाई कोर्ट ने घटना की सीबीआई जांच के आदेश दिए। राज्य ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। 29 अप्रैल को जब मामला सुप्रीम कोर्ट में आया तो उन्होंने सुनवाई टालने की अर्जी दी। दो महीने बाद यह मामला सोमवार को फिर से न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की खंडपीठ के सामने आया।
संदेशखाली घटना के आरोपियों में से एक निलंबित तृणमूल नेता शाहजहां शेख हैं। पहले आरोप लगे थे कि राज्य सरकार उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर सवाल उठाया। जजों ने सवाल उठाया कि आखिर एक शख्स को बचाने की कोशिश क्यों की जा रही है? इसके बाद राज्य सरकार के वकील अभिषेक मनुसिंघवी ने कोर्ट को बताया कि शाहजहां के खिलाफ 43 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें राशन भ्रष्टाचार से जुड़ी एफआईआर भी शामिल हैं। 42 मामलों में आरोप पत्र भी दिया जा चुका है। सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के जजों ने साफ किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस मामले में कोर्ट की टिप्पणी किसी भी तरह से न्यायिक प्रक्रिया पर न पड़े।