कोलकाता: बीते दिन प्रतिबंधित इस्लामिक आतंकी संगठन अंसार अल इस्लाम से जुड़ा ‘शहादत’ मॉड्यूल का बंगाल पुलिस ने खुलासा किया था। इस मामले में पूर्वी बर्दवान के मानकर कॉलेज में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे लड़के को पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स टीम ने अरेस्ट किया था। कांकसर मीर पाड़ा के लोगों को यह विश्वास नहीं हो रहा। संदिग्ध आतंकी मोहम्मद हबीबुल्लाह पढ़ाई की आड़ में बंगाल में आतंकी संगठन से जुड़ा है। आज रविवार(23 जून) को पुलिस हबीबुल्लाह को कोर्ट ले गई। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। आने वाले दिनों में पुलिस संदिग्ध आतंकी से कई अहम खुलासे कर सकती है।
पढ़ाई में बढ़िया होने के बावजूद आतंकी संगठन में झुकाव
संदिग्ध आतंकी हबीबुल्लाह माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक में बेहतर परिणाम ला चुका है। लोग हबीबुल्लाह को मेरे पाड़ा के ‘अच्छे लड़के’ के रूप में जानते थे। घर पर पिता, मां और बहन के साथ रहता था। मानकर कॉलेज के कंप्यूटर साइंस विभाग के सेकेंड ईयर का छात्र हबीबुल्लाह को कॉलेज में हर कोई जानता है। एसटीएफ का मानना है कि हबीबुल्लाह असल में बांग्लादेश के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन अंसार अल इस्लाम के ‘शहादत’ मॉड्यूल का पश्चिम बंगाल प्रभारी है। शनिवार को कांकसा थाने की पुलिस एसटीएफ के साथ हबीबुल्लाह के मेरेपाड़ा स्थित घर पहुंची। उसकी गिरफ्तारी के साथ ही कई दस्तावेज, हबीबुल्लाह का लैपटॉप और मोबाइल फोन बरामद किया गया था। संदिग्ध आतंकी के खिलाफ UAPA समेत कई कड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हबीबुल्लाह घर बैठे ही प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन से संपर्क स्थापित करता था। उग्रवादी संगठन अपनी विचारधारा फैलाने के लिए हबीबुल्लाह को जो भी जानकारी देता था, उस जानकारी को पूरे बंगाल में फैलाने का काम मेरेपाड़ा के घर में बैठकर चल रहा था।
नफरत फैलाकर आतंक की ओर झुकाने की साजिश
सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश प्रशासन ने अलकायदा की विचारधारा को मानने वाले प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन अंसार अल इस्लाम के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए ‘शहादत’ मॉड्यूल से जुड़े सदस्यों की तलाश और अन्य गतिविधियां की जांच शुरू कर दी हैं। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, इस संगठन का मुख्य काम विभिन्न देशों में मुस्लिम समुदाय के लोगों पर हो रहे अत्याचार की जानकारी इकट्ठा कर धार्मिक गलत व्याख्या के जरिए देश के कानून और न्यायपालिका के प्रति लोगों में नफरत फैलाना था। कॉलेज का छात्र हबीबुल्लाह प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से संपर्क करने के लिए विशेष मोबाइल ऐप ‘बीआईपी’ और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता था। रविवार को पुलिस उसे हिरासत में लेने के लिए दुर्गापुर सब-डिविजनल कोर्ट ले गई। कोर्ट ने हबीबुल्लाह को 14 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया।
स्थानीय लोगों में डर का माहौल
इधर हबीबुल्लाह के आतंकियों से संपर्क की खबर जैसे ही स्थानीय लोगों को चली तो लोग हैरान हो गए। मीडिया से बातचीत में श्यामल बाग नाम के एक स्थानीय निवासी ने कहा, “मुझे पहले कभी समझ नहीं आया! हालांकि, शनिवार को एसटीएफ तीन गाड़ियां लेकर आई और हबीबुल्लाह को उठा ले गई। उसके बाद मुझे पता चला कि उसके आतंकवादी संबंध हैं। इस बार मुझे डर लग रहा है।
कैसे काम करता था मॉड्यूल?
ये टेरर मॉड्यूल गुप्त संदेश प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता था। इसके आतंकी ‘BIP’ के जरिए आपस में बात करते थे। इनका मकसद भारत-बांग्लादेश के रिश्तों को बिगाड़ना था। इस मॉड्यूल के आतंकवादी भारत-बांग्लांदेश दोनों की संप्रभुता पर निशाना लगा रहे थे। यानी एक आतंकीं संगठन दो देशों के खिलाफ साजिश रच रहा है। अब ये क्या कांड करने वाले थे? ऐसे कई सवालों का जवाब अब इनसे निकलवाया जाएगा। एजेंसियों की जांच में पता चला है कि मॉड्यूल का नाम ‘शहादत’ है। STF ने इस संगठन से जुड़े एक शख्स मोहम्मद हबीबुल्लाह को गिरफ्तार किया है। बर्धमान जिले में आरोपी के घर से उसे STF ने गिरफ्तार किया है। इसके तार प्रतिबंधित आतंकी संगठन “अंसार अल इस्लाम” जो बांग्लादेश का प्रतिबंधित संगठन है उससे जुड़े है।