

कैनिंग: सर्दियों की शुरुआत के साथ ही सुंदरवन की नदियों-खाड़ियों में रॉयल बंगाल टाइगर की झलक मिलने लगी है। कभी अकेले, कभी झुंड में। पिछले हफ्ते ही दो बार बाघ दिखे। अब सवाल यह है कि सुंदरवन के घने जंगलों में इस वक्त ठीक कितने बाघ हैं? इसका सटीक जवाब जानने के लिए आज यानी मंगलवार से पूरे भारत के साथ-साथ सुंदरवन में भी ‘ऑल इंडिया टाइगर एस्टिमेशन-2025’ का काम शुरू होगा।
दक्षिण 24 परगना वन विभाग के अधीन सुंदरवन टाइगर रिजर्व क्षेत्र में कुल 320 हाईटेक इंफ्रा-रेड कैमरा ट्रैप लगाए जाएंगे। मतला रेंज में 40, रायदीघी रेंज में 140 और रामगंगा रेंज में 140 कैमरे लगेंगे। 30 नवंबर तक कैमरे लगाने का काम पूरा होगा। इसके लिए रायदीघी व रामगंगा में चार-चार और मातला में एक टीम तैनात की गई है। ये कैमरे करीब 45 दिनों तक लगे रहेंगे। कुल 4100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बाघों की हर गतिविधि पर 24 घंटे नजर रहेगी।
इस बार खास बात यह है कि सिर्फ बाघों की संख्या ही नहीं गिनी जाएगी, बल्कि उनके भोजन की उपलब्धता का भी आकलन होगा। हिरण, जंगली सूअर जैसे शाकाहारी जानवरों की मौजूदगी भी कैमरों में रिकॉर्ड की जाएगी। यह पहली बार है जब प्रेय-बेस (शिकार प्रजातियों) का भी एक साथ अध्ययन होगा। इसके लिए विशेष ऐप भी तैयार किया गया है।
सुंदरवन टाइगर रिजर्व के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'बाघों के लिए पर्याप्त भोजन है या नहीं, यह जानना बेहद जरूरी है। इसी आधार पर आगे की संरक्षण नीति तय होगी।' करीब ढाई सौ प्रशिक्षित वनकर्मी इस अभियान में जुटे हैं। दो साल पहले 2022 की गणना में सुंदरवन में 96 बाघ थे। अधिकारी मान रहे हैं कि इस बार बाघों की संख्या 100 के पार जा सकती है। उम्मीद है कि नए सर्वे से बाघों की संख्या में अच्छी वृद्धि दर्ज होगी और कई अनदेखी तस्वीरें भी सामने आएंगी।
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