GangaSagar Mela 2024 : गंगासागर में भक्तों का समुद्र उमड़ा, कपिलमुनी मंदिर की सुरक्षा पुख्ता | Sanmarg

GangaSagar Mela 2024 : गंगासागर में भक्तों का समुद्र उमड़ा, कपिलमुनी मंदिर की सुरक्षा पुख्ता

गंगासागर : मोक्षनगरी गंगासागर में इस बार पुराने रिकॉर्ड टूट रहे हैं। भीड़ इतनी हो रही है कि मानों पैर रखने की भी जगह नहीं है। कपिलमुनी मंदिर में भी भारी भीड़ है। प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था के खास इंतजाम किये गये हैं।गंगासागर में रविवार की दोपहर 12 बजे तक 65 लाख तीर्थ यात्री पुण्य स्नान कर अपने घर की ओर लौट गए हैं। गंगासागर मेला परिसर के मेला कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मंत्री अरुप विश्वास ने यह जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कहा कि गंगासागर मेला विश्व में प्रसिद्ध मेला है। इस मेला को लेकर केंद्र सरकार पक्षपात रवैया अपना रही है। इस मेला को राष्ट्रीय मेला घोषित नहीं कर रहे हैं। केंद्र सरकार को अति शीघ्र राष्ट्रीय मेला घोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से आने वाले बहुत सारे तीर्थ यात्री जिला प्रशासन की बहुत ही प्रशंसा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा देश-विदेश से भी तीर्थयात्री गंगासागर मेला पूजा अर्चना कर रहे हैं।

ये है खास तैयारियां…

इस बार गंगासागर मेले में उत्तर प्रदेश से पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुणा तीर्थ यात्री आए है। तीर्थ यात्रियों की की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लिए बाबूघाट से लेकर गंगासागर तक 17 बफर जोन बनाए गए हैं। तीर्थ यात्री की सुरक्षा के लिए 1150 सीसीटीवी कैमरे और 22 ड्रोन 10 सेटेलाइट फोन माध्यम से मिला के विभिन्न स्थानों पर नजरदारी रखी जा रही है। 24 घंटे आईसीयू की सुविधा युक्त अस्पताल की बंदोबस्त की गई है। 750 स्वास्थ्य कर्मी नियोजित है। आपातकालीन स्थिति में मरीज को एयर लिफ्टेड करने के बाद हावड़ा के डुमुरजला से द्वितीय हुगली द्वितीय सेतु से अस्पताल तक 12 किलोमीटर ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था की गई है।

प्रशासन ने बिछड़े हुए को मिलवाया 

गंगासागर मेले में अब तक 2886 तीर्थ यात्री खो गए थे उन्हें पुलिस प्रशासन और सुरक्षा से भी संगठन के तत्परता से 2810 लोगों को परिजनों से मिलवा दिया गया। गंगासागर मेले में अब तक 41 लोगों की पॉकेट मरी हुई है। जिसमें से 38 लोगों का खोया हुआ सामान उद्धार कर लिया गया है।

बेहतर व्यवस्था गंगासागर में – मंत्री

मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि गंगासागर मेले का आयोजन जिस तरीके से होता है, ऐसा कहीं नहीं होता है। मैं तीन बार कुंभ के मेले में भी गया हूं लेकिन वहां पर भी इस तरह की व्यवस्था नहीं होती है।

मंत्री इंद्रनील सेन ने कहा कि अभी गंगासागर मेला एक उत्सव के रूप में विकसित हुआ है। इस मौके पर मंत्री बंकिम चंद्र हाजरा, मंत्री पुलक राय, पार्थ भौमिक, सुजीत बोस, जिलाशासक सुमित गुप्ता, पीएचई सेक्रेटरी सुरेंद्र गुप्ता, बिजली विभाग के सेक्रेटरी शांतनु बसु, सुंदरवन पुलिस जिला के एसपी कोटेश्वर राव सहित कई गन्यमान्य लोग मौजूद थे।

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