Coromandel Train Accident : अब रेलवे ने की ये अपील | Sanmarg

Coromandel Train Accident : अब रेलवे ने की ये अपील

कृपया आकर दें डीएन टेस्ट, शवों की फैल रही है दुर्गंध
मृतकों के परिजन का कहना : रिपोर्ट के इंतजार में नहीं कट रहे हैं दिन
रेलवे ने कहा : पुराने डीएनए की रिपोर्ट आने में लगेगा समय
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता/बालासोर : ओडिशा के बालासोर में हुए दुखद ट्रेन हादसे के 14 दिन बाद भी अब तक वहां के मॉर्ग में 81 ऐसे शव हैं जिनकी अब तक पहचान संभव नहीं हो पायी है। इन्हीं शवों की पहचान के लिए ओडिशा रेलवे ने एक मानवीय अपील जारी की है कि जिन लोगों के परिजन उक्त ट्रेन दुर्घटना में शामिल थे, खासकर बंगाल व आसपास के इलाके के रहनेवाले लोग आकर खुद अपना डीएनए टेस्ट दें। बताया जा रहा है कि शवों में अ​धिकतर बंगाल के हो सकते हैं। वहीं शवों को मॉर्ग में रख पाना मुश्किल हो रहा है। इन शवों की दुर्गंध पूरे इलाके में फैलती जा रही है। इससे आसपास से गुजरनेवाले लोगों को भी इस दुर्गंध से परेशानी हो रही है, साथ ही कोई और बीमारी का भी डर अब वहां के लोगों को सताने लगा है। वहीं दूसरी ओर बहुत से ऐसे लोग हैं, जो अपने सगे, संबंधियों, परिचितों के शव लेने के लिए डीएनए टेस्ट का इंतजार कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक मालदह के अशोक रवि दास अपने 20 वर्षीय भाई कृष्णा के क्षत-विक्षत शव को पाने के लिए 14 दिनों से इंतजार कर रहे हैं, जो यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से बंगलुरु से लौट रहे थे। दास ने 4 जून को कृष्णा के शरीर की पहचान बेल्ट, पैंट और शर्ट से की थी, लेकिन उन्हें बॉडी नहीं दी गई और डीएनए मैचिंग के लिए अपना ब्लड सैंपल देने को कहा गया। उनका कहना है कि दुर्घटना के तुरंत बाद लोगों को अपने प्रियजनों के शव मिले। समझ नहीं आ रहा है कि अधिकारियों ने मेरे भाई का शव क्यों नहीं सौंपा जबकि मैं उसके कपड़ों से उसकी पहचान कर सकता था। मुझे नहीं पता कि डीएनए टेस्ट के नतीजे आने में कितना समय लगेगा।
अब तक 208 शवों की हुई है पहचान : अधिकारियों ने कहा कि 2 जून से 208 शवों की पहचान की जा चुकी है, लेकिन कुछ शवों पर कई दावों के साथ, राज्य सरकार ने डीएनए सैंपलिंग का फैसला किया। ऐसे में रेलवे के अनुसार शवों के डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने में 10 से 15 दिन लगते हैं। एम्स भुवनेश्वर में एनाटॉमी के प्रोफेसर प्रवेश रंजन त्रिपाठी का कहना है कि शवों से लिए गए डीएनए सैंपल की गुणवत्ता सहित कई अन्य कारकों के कारण यह प्रक्रिया बोझिल है। प्रोफेसर ने कहा कि हमने परीक्षण के लिए 75 नमूने दिल्ली भेजे हैं, लेकिन उन्हें कम से कम 10 से 15 दिन लगेंगे। हम यह भी अनिश्चित हैं कि कितने नमूने मेल खाएंगे। कुछ मामलों में, पिता, माता या भाई-बहनों के बजाय चाचा-भतीजों के नमूने लिए गए हैं जो फर्स्ट डिग्री के रिलेशन होते हैं। प्रथम श्रेणी के संबंधों में डीएनए मिलान की सटीकता अधिक होती है।
ताकि बचे शवों की भी हो सके पहचान : ओडिशा में हुई दुर्घटना को लेकर ही भारतीय रेलवे ने एक बार फिर डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल देने की अपील में कई अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी जारी किये। इनमें असिस्टेंट पर्सनल ऑफिसर – 8455887604, असिस्टेंट कॉर्मशियल मैनेजर – 8455885967, जनसंपर्क अधिकारी 8455885040, 8455885041, भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर सहायता केंद्र – 0674-2534027, ईस्ट कोस्ट रेलवे कंट्रोल रूम, भुवनेश्वर में सहायता- 8455885999 और खुर्दा रोड पर – 8455887999 शामिल हैं। यह टेस्ट भुवनेश्वर के एम्स के एकाडमिक ब्लॉक कमेटी के रूम में किया जा रहा है।

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