केंद्र का यह दावा कि सांसद ECI पर चर्चा नहीं कर सकते, संसद के अधिकारों का उल्लंघन है: ओ’ब्रायन

डेरेक ओ’ब्रायन ने बुधवार रात ‘ब्लॉगपोस्ट’ में कहा कि पिछले दो सत्रों में विपक्षी दलों ने चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए 100 से अधिक नोटिस दिए हैं।
केंद्र का यह दावा कि सांसद ECI पर चर्चा नहीं कर सकते, संसद के अधिकारों का उल्लंघन है: ओ’ब्रायन
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नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार का यह दावा करना कि सांसद निर्वाचन आयोग पर चर्चा नहीं कर सकते, संसद के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने आगामी शीतकालीन सत्र में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) पर चर्चा कराये जाने की मांग उठाई है।

डेरेक ओ’ब्रायन ने बुधवार रात ‘ब्लॉगपोस्ट’ में कहा कि पिछले दो सत्रों में विपक्षी दलों ने चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए 100 से अधिक नोटिस दिए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष का रवैया चर्चा के नियम या नोटिस की शब्दावली को लेकर अड़ियल नहीं बल्कि लचीला है।

टीएमसी नेता ने सवाल किया, ‘नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ‘आम चुनावों के 74 वर्ष - भारत की चिरस्थायी लोकतांत्रिक भावना का उत्सव’ शीर्षक वाले वाले नोटिस पर चर्चा क्यों नहीं की?’ ओ’ब्रायन ने कहा कि निर्वाचन आयोग का बजट संसद की मंजूरी के अधीन है, इसलिए संसद को आयोग की कार्यप्रणाली पर चर्चा करने का पूरा अधिकार है।

उन्होंने कहा कि बजट और मानसून सत्रों के दौरान मोदी सरकार ने यह ‘बहाना’ बनाकर इस मुद्दे पर चर्चा कराने से मना कर दिया था कि संसदीय नियम संवैधानिक संस्थाओं पर बहस की अनुमति नहीं देते।

ओ’ब्रायन ने कहा, ‘संसद में पहले भी निर्वाचन आयोग पर चर्चा हुई है। सरकार का यह दावा करना हास्यास्पद है कि 'संसद में (ECI) पर चर्चा नहीं की जा सकती', इसके पहले दिसंबर, 2023 में ही लोकसभा और राज्यसभा में चुनाव निकाय पर कुल मिलाकर सात घंटे तक चर्चा की गई थी।' उन्होंने कहा, 'सरकार को तर्कों के पीछे छिपने की बजाय ईसीआई पर पारदर्शी और ईमानदार चर्चा करनी चाहिए।' SIR के मुद्दे को लेकर TMC हमलावर है।

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