राजनीति के नाम पर एफआईआर नहीं करें : सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली/कोलकाता : हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा के पति के खिलाफ दायर मामले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपंकर दत्त के डिविजन बेंच ने शुक्रवार को इस मामले को खारिज करते हुए सलाह दी कि राजनीति के लिहाज से एफआईआर दर्ज नहीं करें। सीआईडी इस मामले की जांच कर रही थी।एडवोकेट अमृता पांडे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मानिकतल्ला की एक वृद्ध महिला और उसकी बेटी का संपत्ति को लेकर एक आपराधिक मामला चल रहा था। उनका आरोप था कि इस पारिवारिक संपत्ति में उनका भाई उन्हे उनका हिस्सा नहीं दे रहा था। इसे लेकर बैंकशाल कोर्ट में मामला चल रहा था। जस्टिस सिन्हा के पति प्रताप चंद्र दे एडवोकेट हैं और वे दूसरे पक्ष की तरफ से बैंकशाल कोर्ट में पैरवी कर रहे थे। एडवोकेट दे के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि वे अपनी पत्नी के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इस वृद्ध महिला पर मामला वापस लेने के लिए दबाव डाल रहे थे। आईओ को बुला कर धमकाए जाने का आरोप भी लगा था। वृद्ध महिला सुप्रीम कोर्ट भी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच करने का आदेश दिया था। इधर सीआईडी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद एडवोकेट दे को कई बार सम्मन देकर तलब किया था। इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के डिविजन बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले को खारिज कर दिया। इसके साथ ही राज्य सरकार को सलाह दी कि राजनीति के लिहाज से एफआईआर दर्ज नहीं करे।