लेक थाने के ओसी ने अभियुक्त को रिहा करने के मामले में दी सफाई
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : संवेदनशील गवाहों की गवाही पूरी नहीं होने तक गैंग रेप के मामले में अभियुक्त को जमानत नहीं मिलेगी। उसने गैंग रेप की पीड़िता को मामला वापस लेने के लिए धमकी दी थी। इस बाबत दायर रिट पर सुनवायी के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस जयमाल्य बागची और जस्टिस अजय कुमार गुप्त ने यह आदेश दिया। इस मामले का दिलचस्प पहलू यह है कि अभियुक्त को थाने से निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया था।
एडवोकेट झूमा सेन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि डिविजन बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त के खिलाफ आरोप बहुत ही गंभीर हैं। ट्रायल चल रहा है। पलट जाने की आशंका वाले गवाहों की गवाही पूरी नहीं होने तक अभियुक्त को जमानत नहीं दी जा सकती है। इसके साथ ही आदेश दिया है कि पीड़िता को दी जा रही सुरक्षा आगे भी जारी रहेगी। इस अभियुक्त को लेक थाने से निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया था। जस्टिस बागची के डिविजन बेंच ने पुलिस के इस रवैये पर सख्त नाराजगी जताते हुए लेक थाने के ओसी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में तलब किया था। उन्होंने कोर्ट में हाजिर हो कर इस मामले में अपनी सफाई दी थी। कोर्ट के आदेश पर अभियुक्त के खिलाफ लेक थाने में 17 मई को एक एफआईआर दर्ज की गई थी। सुनवायी के दौरान कोर्ट में मौजूद इस मामले के आईओ को डिविजन बेंच ने आदेश दिया कि चार जुलाई को अगली सुनवायी के दिन भी उन्हें कोर्ट में मौजूद रहना पड़ेगा।