Bengal Blast : ‘खाने के पैसे नहीं, अब 15 हजार लाये कहां से’ | Sanmarg

Bengal Blast : ‘खाने के पैसे नहीं, अब 15 हजार लाये कहां से’

लगाया आरोप – 5 शवों के लिए की गयी है 90 हजार रुपयों की मांग
मुर्शिदाबाद के हजारों युवा रोजीरोटी के लिए करते हैं पटाखा कारखानों में काम
सन्मार्ग संवाददाता
बारासात : दत्तोपुकुर विस्फोट कांड में मारे गये लोगों में 5 की पहचान मुर्शिदाबाद के निवासी काजल शेख (40), रॉनी शेख (16), जिराट शेख (50), मासूम शेख (16), अंदाज शेख (16) के रूप में की गयी है। उनके शवों की शिनाख्त सोमवार को उनके परिवारवालों ने की। जहां एक ओर परिवार के बेटों की मौत के गम में वे लोग डूबे हैं वहीं उनके सामने उनके शवों को लेकर मांगे जा रहे रुपये भी एक बड़ी परेशानी का कारण बन गये हैं। बारासात के माॅर्ग में पहुंची काजल शेख की पत्नी लुफानी बीबी ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम को ले जाने के लिए 15 हजार रुपयों की मांग की है। प्रति शव 15 हजार और कुल 90 हजार मृतकों के परिवार को देने हैं जो कि उनके लिए संभव नहीं है। उनका कहना है कि उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं और शवों को लेने के लिए वे हजारों रुपये कहां से लाएं। उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि उनके लिए कमाने वाले ही दुनिया से चले गये हैं। उनकी जमीन के नीचे की मिट्टी ही खिसक चुकी है। उन्होंने कहा कि उन्हें पता था कि यह काम खतरे का है मगर वे लोग करते भी तो क्या करते। मृतकों के परिजनों ने बनाया कि रोजीरोटी के जुगाड़ में जान पर खेलकर उनके परिवारवाले पटाखा कारखानों में काम करने को बाध्य हैं। आखिरकार वे लोग कहां जायेंगे। यहां बता दें कि मुर्शिदाबाद के हजारों श्रमिक काम की तलाश में गैर राज्यों में जाते हैं। सैकड़ों ईंट भट्ठे और पटाखा कारखानों में काम करते हैं। उन्हें काम दिलवाने के नाम पर यहां ठेकेदार मोटी कमाई करते हैं मगर इन श्रमिकों की मौत के बाद अब बेबस परिवार के पास कोई खड़ा नहीं हो रहा।

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