पश्चिम बंगाल में SIR कवायद के बीच एक और BLO ने तोड़ा दम

परिवार ने आरोप लगाया कि अत्यधिक कार्य दबाव के कारण उनकी जान गई। चार नवंबर को कवायद शुरू होने के बाद राज्य में यह चौथी ऐसी मौत है, जिसने राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को हवा दे दी है।
The crisis of 'SIR' in Sonagachi is over! Election Commission announces special redressal camp for sex workers
सांकेतिक फोटो REP
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में जुटे एक और बूथ-स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उनके परिवार ने आरोप लगाया कि अत्यधिक कार्य दबाव के कारण उनकी जान गई। चार नवंबर को कवायद शुरू होने के बाद राज्य में यह चौथी ऐसी मौत है, जिसने राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को हवा दे दी है।

BLO जाकिर हुसैन ने तोड़ा दम

अधिकारियों ने मृतक की पहचान जाकिर हुसैन के रूप में की, जो एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे। परिजनों ने बताया कि बृहस्पतिवार दोपहर उन्हें सीने में तेज दर्द उठा, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां रात में उनकी मृत्यु हो गई। परिजनों का दावा है कि हुसैन पर एसआईआर ड्यूटी और नियमित शिक्षण कार्य का जबरदस्त दबाव था।

अनुरोध के वावजूद SIR कार्य से मुक्त नहीं किया गया

उनका आरोप है कि प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों से बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्हें एसआईआर ड्यूटी से मुक्त करने से इनकार कर दिया गया, जिससे दबाव बढ़ा। इससे पहले पूर्ब बर्धमान जिले में दिल का दौरा पड़ने से एब बीएलओ की मौत हो गई थी, जबकि नदिया और जलपाईगुड़ी में एक-एक बूथ स्तरीय अधिकारी ने काम के कथित दबाव के चलते आत्महत्या कर ली।

इन मौतों पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने निर्वाचन आयोग (ईसी) पर बूथ स्तरीय अधिकारियों पर अमानवीय और अनियोजित कार्यभार लादने का आरोप लगाया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि बीएलओ द्वारा महसूस किया गया तनाव निर्वाचन आयोग के निर्देशों से नहीं, बल्कि राज्य में सत्तारूढ़ दल द्वारा डाले गए राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव से उपजा है।

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