नई दिल्ली : दिल्ली कार धमाके के तार तुर्किये से जुड़ गए हैं। इसकी जांच कर रही एजेंसियों को एक बड़ा सुराग मिला है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए दो मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर और मुजम्मिल तुर्किये की राजधानी अंकारा में बैठे एक विदेशी हैंडलर से संपर्क में थे। आरोपी उस हैंडलर के निर्देश पर ही ब्लास्ट को अंजाम देने में लगे थे।
वह आरोपियों को गाइड कर रहा था। यही नहीं वह इसके लिए फंडिंग और कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने से जुड़ी पूरी कार्रवाई भी संभाल रहा था। बताया गया कि आरोपियों के साथ प्लानिंग करने के लिए वह सेशन एप का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस हैंडलर की पहचान कोडनेम ‘उकासा’ (Ukasa) से हुई है।
यह अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब मकड़ी है। शायद यह उसका असली नाम नहीं हो, बल्कि पहचान छिपाने के लिए इस नाम का इस्तेमाल किया गया है। इधर, तुर्किये सरकार ने इन आरोपों को झूठा करार दिया है। उसने कहा है कि इस तरह की रिपोर्ट का मकसद दोनों देशों के आपसी रिश्तों को नुकसान पहुंचाना है।
लाल किले क्षेत्र की कई बार की थी रेकी
इससे पहले दिल्ली धमाके की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि आतंकी मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल गनई के मोबाइल फोन से प्राप्त डंप डेटा से पता चला है कि उन्होंने इस साल जनवरी में लाल किले क्षेत्र की कई बार रेकी की थी।
ये रेकी गणतंत्र दिवस पर ऐतिहासिक स्मारक को निशाना बनाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी, लेकिन उस समय क्षेत्र में कड़ी गश्त के कारण इसे नाकाम कर दिया गया। जांच में पाया गया है कि जनवरी में दो मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर और मुजम्मिल तुर्किये भी गए थे। सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ताओं को उनके पासपोर्ट में तुर्की के टिकट मिले हैं।
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