

कोलकाता : 317 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामले की जांच कर रहे साइबर क्राइम विंग के अधिकारी इस संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं कि ठगी की रकम का एक बड़ा हिस्सा हवाला के जरिए विदेश भेजा गया है। हवाला रूट की जांच के लिए जांच अधिकारियों के रडार पर दिल्ली और कोलकाता की कई कंपनियां हैं। सूत्रों के अनुसार बुधवार को सीसीडब्ल्यू के अधिकारियों ने पवन रुइया के सैयद अमीर अली एवेन्यू स्थित ऑफिस में छापामारी की। घंटों तक चली छापामारी के दौरान जांच अधिकारियों ने वहां से लैपटॉप सहित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये। इस दौरान पवन रुइया से जुड़े कई लोगों की कंपनियों के नाम भी सामने आये हैं। अधिारियों का मानना है कि ठगी की रकम का लेनदेन उनके कंपनियों के जरिए भी किया गया है। इसके अलावा जांच अधिकारी दिल्ली की एक कंपनी की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं। एक जांच अधिकारी ने बताया कि जल्द ही उद्योगपति को पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा। सीसीडब्ल्यू के अधिकारी दो मामले में रुइया के खिलाफ जांच कर रहे हैं।
पहला मामला 317 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसमें रुइया और उनके परिवार के सदस्यों का नाम एफआईआर में शामिल है। दूसरी टीम ने उसी ऑफिस में एक अन्य साइबर क्राइम मामले में 93 लाख रुपये की ठगी के संबंध में छापा मारा। पहला छापा 6 नवंबर को मारा गया था। इस मामले में राहुल वर्मा, जो 317 करोड़ की कथित धोखाधड़ी में सह आरोपित हैं, को 1 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी 93 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी से जुड़ी थी, जिसमें बिधाननगर के एक निवासी को फर्जी निवेश रैकेट में फंसाया गया था। शिकायतकर्ता को पहले व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया और बड़े निवेश के लिए लुभाया गया। पुलिस के अनुसार, वर्मा के बयान से नये सुराग मिले, जो उन्हें पुनः रुइया ऑफिस तक ले गये।