पश्चिम बंगाल

दीघा-मंदारमणि में होटल बुकिंग के नाम पर ठगी!

पुलिस ने चेताया सोशल मीडिया के जरिये ट्रैवेलिंग के नाम पर हो रही है ठगी

कोलकाता/दीघा: पश्चिम बंगाल के लोकप्रिय समुद्री तट दीघा, मंदारमणि, शंकरपुर और ताजपुर पर्यटकों की पहली पसंद बने हुए हैं। हावड़ा व कोलकाता से रोजाना सैकड़ों लोग यहां छुट्टियां मनाने पहुंचते हैं। लेकिन अब यह खुशी का सफर धोखे का शिकार बन रहा है। होटल बुकिंग के नाम पर साइबर ठग पर्यटकों को लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं। फर्जी वेबसाइट्स और फोन कॉल्स के जरिए एडवांस राशि ऐंठकर गायब हो जा रहे हैं। पुलिस और होटल एसोसिएशन ने चेतावनी जारी की है, लेकिन ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे।

कई पर्यटक बने शिकार 

सूत्रों के अनुसार, कुछ महीने पहले हावड़ा निवासी सहेली चटर्जी ने 17 से 20 मई तक पुराने दीघा के एक होटल में कमरा बुक किया था। 1 मई को उन्होंने 1500 रुपये एडवांस भी भेज दिए। लेकिन अगले दिन होटल में फोन करने पर पता चला कि कोई बुकिंग ही नहीं हुई है। परेशान होकर उन्होंने दीघा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। सहेली जैसे कई पर्यटक इस जाल में फंस चुके हैं। जालसाज प्रसिद्ध होटलों की फर्जी वेबसाइट्स बनाकर आकर्षक ऑफर्स दिखाते हैं और एडवांस मांगते हैं। पैसे ट्रांसफर होते ही संपर्क खत्म।

यह कहा अधिकारी ने

कांथी के एसडीपीओ दिवाकर दास ने कहा, हमें कई शिकायतें मिली हैं। होटल मालिकों से बात की गई है और आम जनता में जागरूकता फैलाई जा रही है। शिकायतकर्ताओं की जांच चल रही है। पर्यटक एडवांस पेमेंट से पहले होटल की आधिकारिक वेबसाइट या फोन नंबर वेरिफाई करें।

गिरफ्तार हुए ठग, लेकिन नेटवर्क अब भी सक्रिय

हाल ही में एक बड़े ठगी मामले में राजस्थान से कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया। ये लोग पर्यटकों को निशाना बनाकर लाखों रुपये कमा रहे थे। दीघा-शंकरपुर होटलियर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव बिप्रदास चक्रवर्ती ने बताया, 'यह एक बहुत बड़ा घोटाला है। सिर्फ दीघा-शंकरपुर ही नहीं, दार्जिलिंग और पुरी में भी फर्जी साइट्स से ठगी हो रही है। हम सोशल मीडिया के जरिए पर्यटकों को जागरूक कर रहे हैं ताकि वे साइबर फ्रॉड का शिकार न बनें।' 

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