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बंद कार में 50 मिनट तक पुतिन व मोदी की हुई 'सीक्रेट मीटिंग', जानें पूरा मामला

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि भारत और रूस हमेशा सबसे कठिन परिस्थितियों में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं। हमारा घनिष्ठ सहयोग न केवल दोनों देशों के लोगों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है।

पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर बैठक की। इस बैठक से पहले पुतिन ने मोदी को अपनी कार में लिफ्ट दी और दोनों नेताओं ने कार में ही एक घंटे तक सीक्रेट मीटिंग की।

50 मिनट की मीटिंग

व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को अपनी ‘ऑरस लिमोजीन’ कार में लिफ्ट दी और दोनों नेता शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय वार्ता स्थल तक साथ पहुंचे। पुतिन की ‘लिमोजीन’ से होटल पहुंचने के दौरान रास्ते में दोनों नेताओं के बीच बातचीत जारी रही। होटल में दोनों नेता अपनी अपनी टीम के सदस्यों के साथ एक-दूसरे से मिलने वाले थे।

हालांकि, होटल पहुंचने पर वे रूसी राष्ट्रपति की लिमोजीन से नहीं उतरे और 50 मिनट तक बातचीत करते रहे। बाद में, ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों नेताओं ने कार में लगभग एक घंटे तक आमने-सामने की बातचीत की। मोदी ने सोशल मीडिया पर लिमोजीन के अंदर अपनी और रूस के राष्ट्रपति की एक तस्वीर भी साझा की।

जेलेंस्की का भी आया बयान

मॉस्को में जानकारों का कहना है कि मोदी और पुतिन के बीच शायद यह सबसे महत्वपूर्ण विशेष बातचीत थी, जिसमें उन्होंने संभवतः ऐसे मुद्दों पर चर्चा की जिसकी ‘जानकारी किसी और को नहीं हुई’। समझा जाता है कि भारतीय पक्ष ने पुतिन को शनिवार को मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के बीच हुई बातचीत के बारे में जानकारी दी। पीएम मोदी से बात के बाद, ज़ेलेंस्की ने कहा कि भारत-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए आवश्यक प्रयास करने और रूस को उपयुक्त संकेत देने के लिए तैयार है।

पीएम मोदी ने दिया शांति का संदेश

वहीं पीएम मोदी ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने वक्तव्य की शुरुआत में कहा, ‘हम यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर नियमित रूप से चर्चा करते रहे हैं। हम शांति स्थापित करने की दिशा में हाल में किए गए सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। इस संघर्ष को समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने का रास्ता अवश्य निकाला जाना चाहिए। यह संपूर्ण मानवता की आकांक्षा है।’ पुतिन ने कहा कि रूस और भारत ने दशकों से ‘विशेष मैत्रीपूर्ण और विश्वास-आधारित’ संबंध बनाए रखे हैं और यह संबंधों के भविष्य के विकास की नींव है।

उन्होंने कहा कि ये संबंध पूरी तरह से दलगत राजनीति से ऊपर हैं और इन्हें हमारे अधिकांश लोगों का समर्थन प्राप्त है। अपने संबोधन में, मोदी ने यह भी कहा कि भारत के 140 करोड़ लोग दिसंबर में भारत में रूसी नेता के स्वागत के लिए ‘उत्सुकता से प्रतीक्षा’ कर रहे हैं। यह हमारी विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की गहराई और दायरे का प्रतिबिंब है।

भारत-अमेरिकी रिश्तों में आया तनाव

मोदी-पुतिन वार्ता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्ध समाप्त करने के प्रयासों के तहत रूस के राष्ट्रपति के साथ शिखर बैठक आयोजित करने के दो सप्ताह बाद हुई है। भारत पर अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि दोनों नेताओं ने वाहन में अनौपचारिक बातचीत के दौरान इस पर चर्चा की।

ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिए जाने के बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया। ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों द्वारा भारत की लगातार आलोचना से संबंधों में तनाव और बढ़ गया है।

भारत की मानी जा रही बड़ी जीत

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत के इस रुख से सोमवार को सहमति जताई कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ‘दोहरे मानदंड’ अस्वीकार्य हैं। पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किए गए हमले की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सामने निंदा भारत के लिए बड़ी जीत है।

एससीओ ने चीनी बंदरगाह शहर तियानजिन में आयोजित अपने दो दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन के अंत में जारी एक घोषणापत्र में आतंकवाद से लड़ने के अपने दृढ़ संकल्प को सूचीबद्ध किया। घोषणापत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा बढ़ाने के उपायों का उल्लेख किया गया और आतंकवाद से निपटने को एक बड़ी चुनौती बताया गया। इसमें कहा गया है कि सदस्य देश 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं।

इन सदस्य देशों ने कहा कि ऐसे हमलों के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि एससीओ ‘स्वार्थ सिद्धि के उद्देश्य’ के लिए आतंकवादी, अलगाववादी और चरमपंथी समूहों का इस्तेमाल के प्रयासों की अस्वीकार्यता पर जोर देता है।

पाकिस्तान को लेकर भी हुई चर्चा

एससीओ ने कहा कि वह आतंकवादी और चरमपंथी खतरों का मुकाबला करने में संप्रभु देशों और उनके सक्षम प्राधिकारियों की अग्रणी भूमिका को मान्यता देता है। इसमें पाकिस्तान में हुए कुछ आतंकी हमलों की भी निंदा की गई।

इसमें कहा गया है कि सदस्य देश आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा करते हैं। वे इस बात पर जोर देते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंड अस्वीकार्य हैं और वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों सहित आतंकवाद का मुकाबला करने का आह्वान करते हैं।

एससीओ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की इस संबंध में केंद्रीय भूमिका है कि वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के अनुसार प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव और संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति को पूरी तरह से लागू करे ताकि सभी आतंकवादी समूहों का संयुक्त रूप से मुकाबला किया जा सके।

गाजा पर इजराइली हमलों की भी निंदा

एससीओ सदस्य देशों ने गाजा में इजराइल द्वारा किए गए सैन्य हमलों में बड़ी संख्या में आम लोगों के हताहत होने और गाजा पट्टी में भयावह मानवीय स्थिति पैदा होने के कारण इन हमलों की निंदा की।

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