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Nikki Murder Case: टॉर्चर, जलाकर हत्या, पति का 'हाफ एनकाउंटर'... निक्की केस की क्या है पूरी कहानी

नई दिल्ली: निक्की भाटी… उम्र 26 साल... शादी साल 2016 में हुई और मौत, आग लगने से 21 अगस्त 2025 को हुई। उसकी मौत के जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि उसका पति विपिन भाटी, जेठ रोहित भाटी, सास दयावती और ससुर सतवीर पर हैं। हालांकि, फिलहाल ये एक आरोप है। लेकिन ये आरोप भी ऐसा है कि जिसने दहेज को लेकर पूरे देश में हंगामा खड़ा कर दिया है।

हालांकि, दहेज की शिकार निक्की देश की पहली महिला नहीं है जिसे इस आग में जलना पड़ा है। देश में हजारों बहू-बेटियां दहेज की बलि चढ़ाई जा चुकी हैं और अभी भी ये निरंतर जारी है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी)... ये वो संस्था है जो राष्ट्रीय स्तर पर अपराध और अपराधियों के बारे में जानकारी एकत्रित करता है और उनके आंकड़ों एकट्ठा कर प्रसारित करता है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़ें

इसी एनसीआरबी की रिपोर्ट की माने तो साल 2017 से 2022 के बीच दहेज की वजह से होने वाले उत्पीड़न के कारण हर साल औसतन 7 हजार महिलाओं ने अपनी जान दे दी या फिर उनकी हत्या कर दी गई। वहीं साल 2022 में यह आंकड़ा 6,450 था, यानि इस आंकड़े के लिहाज से देखें तो रोजाना 18 महिलाओं की मौत हुई थी दहेज प्रताड़ना के कारण। वैसे ये आंकड़ा तो सरकारी है लेकिन कुछ संगठन जो महिलाओं के उत्थान के लिए काम करती हैं उनका दावा है कि बहुत से ऐसी महिलाएं जो दहेज की प्रताड़ना सहती रहती हैं लेकिन वो पुलिस के पास समाज या परिवार में बदनामी के डर से जाती तक नहीं हैं।

ठेकेदार ही सलटा देते हैं मामले

जबकि बहुत बार ऐसा होता है कि समाज के कुछ ठेकेदार आपस में ही परिवार व महिला पर दवाब डालकर मामले को बीच में सलटा देते हैं। जो मामला पुलिस तक पहुंचता ही नहीं है। अगर उन आंकड़ों को जोड़ दिया जाए तो शायद ये आंकड़ों की तस्वीर कुछ और ही दिखेगी।

अब आपको एनसीआरबी के मुताबिक तीन उन टॉप राज्यों के नाम बताता हूं जो दहेज प्रताड़ना को लेकर सबसे आगे हैं। साल 2022 में दहेज को लेकर उत्तर प्रदेश में 2,218 महिलाओं की मौतें हुईं। जबकि बिहार में (1,057) और मध्य प्रदेश में (518)  क्रमश पहले से तीसरे नंबर पर ये राज्य मौजूद थे। इससे साफ है कि ऐसी ज्यादातर घटनाएं उत्तर और मध्य भारत के राज्यों में ही होती हैं।

हालांकि, कुछ महिला सामाजिक संगठन खुले रूप से तो नहीं लेकिन दबी जुबान से वे राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों को जिक्र तो करती हैं लेकिन कागजी तौर पर आंकड़ें न होने की वजह से खुलकर बोल नहीं पाती हैं। क्योंकि, दहेज तो नहीं ऑनर किलिंग जैसे भी कई मामले इन राज्यों में होती है।

क्या है निक्की की पूरी कहानी

अब आपको आंकड़ों के इस मकड़जाल से निकालकर मेन कहानी की ओर चलते हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में रहने वाली निक्की नामक एक महिला की शादी थाना कासना क्षेत्र के सिरसा गांव के विपिन भाटी से 2016 में हुई। आरोप है कि शादी के छह महीने बाद से ही वो दहेज की प्रताड़ना सह रही थी। ताज्जुब की बात ये है कि उसी घर में निक्की की बड़ी बहन कंचन की भी शादी हुई थी, विपिन के बड़े भाई रोहित भाटी से। दोनों ने कई बार दहेज प्रताड़ना का विरोध भी कर चुकी थी। हालांकि, पुलिस की तफ्तीश में कई थ्योरी सामने आ रही है। जिसमें दो मुख्य कहानियां हैं।

पहली कहानी: क्या इंस्टाग्राम ने ली निक्की की जान?

कई रिपोर्टों की माने तो निक्की और उसकी बहन कंचन को इंस्टाग्राम पर रील बनाने का बहुत शौक था। जो की उसके ससुरालवालों को बिल्कुल पसंद नहीं था। वैसे निक्की और कंचन अपने घर से ही एक छोटा ब्यूटी पार्लर चलाती थीं और इसलिए वो इंस्टाग्राम पर मेकओवर रील्स बनाकर पोस्ट किया करती थी। इन रील्स में वो औसत दिखने वाली महिला को भी खुबसूरत लूक दे देती थी। ये रील्स उनके पतियों को नागवार गुजरती थीं। शायद इसका कारण हो सकता है कि समाज आज भी महिलाओं को खुलकर जीने की आजादी नहीं देता है और मर्द अपनी पत्नी को अपनी अमानत समझने लगता है। उनके पतियों को उनके वीडियो देखकर शायद इसलिए भी गुस्सा आता होगा कि उनके समाज के लोग उन्हें ताना मारते होंगे।

एक रिपोर्ट की माने इसी साल 11 मार्च को निक्की-कंचन और उनके पति विपिन-रोहित के बीच जमकर झगड़ा हुआ था। इसके बाद दोनों बहनें अपने मायके रूपबास गांव चली गई। तब इस मामले को लेकर पंचायत बैठाई गई और 18 मार्च को सुलह इस शर्त पर हुई कि दोनों बहनें आगे से रील्स नहीं बनाएंगी। लेकिन, कुछ दिनों बाद ही दोनों बहनें फिर से वीडियो बनाने लगी थीं।

दूसरी कहानी: दहेज प्रताड़ना और पैसा?

निक्की के मायके वालों के अनुसार निक्की की हत्या की असली वजह सिर्फ और सिर्फ दहेज है। मीडिया में उनके पिता भिखारी सिंह ने आरोप लगाया कि शादी के समय उन्होंने एक स्कॉर्पियो, बुलेट और गहने दिए गए थे, लेकिन भाटी परिवार की मांगें लगातार बढ़ती जा रही थीं। वे बीते कुछ समय से 36 लाख रुपया नकद और मेरी मर्सिडिज की मांग कर रहा था। वहीं निक्की को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद वे भाग क्यों गए?

अब आपको दहेज को लेकर भारत में कानून क्या कहता है?

भारत में दहेज कानून को दहेज निषेध अधिनियम, 1961 के नाम से जाना जाता है। यह कानून पूरे देश में लागू है और इसका मुख्य उद्देश्य शादी से जुड़े लेनदेन में दहेज प्रथा को रोकना होता है और यह दहेज के लेन-देन को एक आपराधिक कृत्य मानता है।

देश के कानून के मुताबिक दहेज देना भी उतना ही बड़ा अपराध माना गया है जितना की लेना। दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की धारा 3 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति दहेज देता है या लेता है तो उसे दोषी माना जाएगा। इसके तहत कम से कम 5 साल की कैद और कम से कम 15,000 रुपये का जुर्माना या दहेज की रकम के बराबर जो भी अधिक हो।

वहीं दहेज मांगने के लिए सजा यानि धारा 4 के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति शादी के लिए दहेज मांगता है तो उसे कम से कम 6 महीने से लेकर 5 साल तक की कैद और 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

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