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China से क्यों डरा America? व्यापार समझौते को 90 दिन के लिए बढ़ाया

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चीन के साथ व्यापार समझौते को 90 दिनों के लिए और बढ़ा दिया, जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक बार फिर से होने वाला खतरनाक टकराव टल गया है।

अब इसी बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप, भारत पर ये कहकर टैरिफ का खेल कर रहे हैं भारत रूस से ज्यादा तेल खरीद रहा है। जबकि सच्चाई ये है कि चीन भारत से ज्यादा तेल रूस से खरीदता है। तो इस दोहरी नीति को लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि ट्रंप चीन से सीधे तौर पर नहीं भिड़ना चाहता है लेकिन उसकी निगाहें भारत पर जरूर है।

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

दरअसल ट्रंप ने अपने ‘ट्रुथ सोशल’ मंच पर पोस्ट किया कि उन्होंने विस्तार के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं और इस समझौते की अन्य सभी बातें जस की तस रहेंगी।

चीन के साथ व्यापारिक समझौते की 90 दिन की पिछली समय सीमा मंगलवार रात 12 बजकर एक मिनट पर खत्म होने वाली थी। अगर ऐसा होता, तो अमेरिका चीन से होने वाले आयात पर पहले से जारी 30 प्रतिशत के उच्च करों को और बढ़ा सकता था और चीन अमेरिकी निर्यात पर जवाबी शुल्क बढ़ाकर इसका जवाब दे सकता था।

इस समझौते की अवधि बढ़ाने से दोनों देशों को अपने कुछ मतभेदों को सुलझाने का समय मिल गया है, जिससे संभवत: इस साल के अंत में ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच शिखर सम्मेलन का रास्ता साफ हो गया है। वहीं, चीन के साथ व्यापार करने वाली अमेरिकी कंपनियों ने भी इसका स्वागत किया है।

सरकार के व्यापार समझौते पर बातचीत

‘यूएस-चाइना बिजनेस काउंसिल’ के अध्यक्ष सीन स्टीन ने कहा कि इस विस्तार से दोनों सरकारों को व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए और समय मिलेगा जो काफी ‘अहम’ है।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी कारोबारियों को उम्मीद है कि इससे चीन में उनकी बाजार पहुंच में सुधार होगा और कंपनियों में मध्यम एवं दीर्घकालिक योजनाएं बनाने के लिए आवश्यक भरोसा कायम होगा।

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